काेरोना में सेवारत 11 शिक्षकों की मौत, एक प्रस्ताव मंजूर

काेरोना में सेवारत 11 शिक्षकों की मौत, एक प्रस्ताव मंजूर
  • एक भी परिवार को नहीं मिला बीमा कवच का लाभ
  • मृत शिक्षकों के परिजनों को बीमा कवच योजना का लाभ दिलाना जिला परिषद की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सरकार ने कोरोनाकाल में सेवा देते हुए मृत कर्मचारियों के परिजनों लिए बीमा कवच योजना की घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिए जाएंगे। नागपुर जिले में कोरोना से संबंधित विविध सेवाओं के दौरान 14 शिक्षकों की मौत हुई थी। इसमें पात्र 11 परिजनों के प्रस्ताव सरकार को भेजना था, लेकिन अब तक केवल एक ही प्रस्ताव पुणे तक पहुंच पाया है। अन्य 10 प्रस्तावों को दस्तावेजों की खामियों के चलते आगे नहीं भेजा गया है। जब तक दस्तावेजों की पूर्ति नहीं की जाएगी, तब तक उनके प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा।

14 की मौत, 3 अपात्र घोषित : जिला परिषद सूत्रों के अनुसार कोरोना काल के दौरान विविध विभागों के कर्मचारियों को कोरोना से संबंधित अलग-अलग कार्यों पर लगाया गया था। इसमें राहत व बचाव कार्य समेत क्वारेंटाइन सेंटर, टेस्टिंग सेंटर, सर्वेक्षण, वैक्सीनेशन, कोविड सेंटरों में सेवा देना शामिल था। सेवारत 14 शिक्षकों की कोरोना से मौत होने का आंकड़ा सामने आया था। पड़ताल के बाद इनमें से 3 शिक्षकों की कोरोना से मौत नहीं होने की जानकारी सामने आई। इसलिए उनके परिजनों को बीमा कवच योजना के लिए अपात्र माना गया है। केवल 11 मृतकों के परिजनों को ही पात्र माना गया है।

जिला परिषद द्वारा भेजे गए 11 प्रस्तावों में मात्र एक प्रस्ताव स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय की तरफ से पुणे में शिक्षा विभाग को भेजे जाने की जानकारी सूत्रों ने दी है। वहां से यह प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए मुंबई में स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद ही बीमा कवच योजना के लिए पात्र लाभार्थी परिवार होने की बात पर अंतिम मुहर लगेगी। सारी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही योजना का लाभ परिजनों को मिल पाएगा। अब इस प्रक्रिया को पूरी करने में ही को दो साल से अधिक समय बीत गया है। दस्तावेजी प्रक्रिया में ही प्रस्ताव अटके हैं। इनमें से एक प्रस्ताव जो, पुणे तक पहुंचा है, उस परिवार को भी कब लाभ मिलेगा इसकी निश्चित अवधि के बारे में कोई कुछ कहने काे तैयार नहीं है।

मृत शिक्षकों के परिजनों को बीमा कवच योजना का लाभ दिलाना जिला परिषद की जिम्मेदारी है। मृतक के परिजनों को योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मदारी जिला परिषद की है। जिला परिषद ने 11 मृतकों के परिजनों को लाभार्थी होने का प्रस्ताव स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय को भेज दिए थे। इसमें से एक ही प्रस्ताव को आगे भेजा गया। 10 प्रस्ताव को नामंजूर किया गया। इसके पीछे दस्तावेजों की खामियां बताई गई थी। दो साल से अधिक समय से यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है, लेकिन हर बार कोई न कोई कागजात की कमी बताकर प्रस्ताव को फिर से भेजने को कहा जाता है।

Created On :   27 May 2023 5:25 PM IST

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