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नागपुर: तेंदुओं की मौत का सिलसिला जारी, एक वर्ष में 6 तेंदुओं की हुई मौत
- नागपुर प्रादेशिक क्षेत्र का हाल
- एक वर्ष में 6 तेंदुओं की हुई मौत
डिजिटल डेस्क, नागपुर. प्रादेशिक में तेंदुओं की मौत का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। गत एक साल में 6 तेंदुओं की मौत हुई है, जिसमें 2 की दुर्घटना में, वहीं एक तेंदुआ हाल ही में नरखेड़ में खेत में संदिग्ध अवस्था में मृत पाया गया है। उसकी मौत की रिपोर्ट अभी आने की है। बाघों की बात करें, तो उपरोक्त अवधि में 2 बाघों की मौत दर्ज है। ऐसे में बाघों से ज्यादा तेंदुओं की मौत का आंकड़ा साफ हो रहा है।
वन्यजीव-इंसानों में संघर्ष
वन विभाग में दो क्षेत्र आते हैं, जिसमें एक एरिया वन्यजीवों का आरक्षित क्षेत्र है। यहां बहुतांश वन्यजीवों का बसेरा होता है, वहीं दूसरा क्षेत्र प्रादेशिक होता है, जो वन विभाग का आरक्षित क्षेत्र होता है, लेकिन यहां वन्यजीव नाममात्र दिखाई देते हैं। कई बार बाघ अपने क्षेत्र की तलाश में यहां तक पहुंचते हैं। कई जगह पर बाघ रहते भी हैं, लेकिन कुछ प्रादेशिक में बाघ नहीं रहते हैं। तेंदुए की बात करें, तो हर प्रादेशिक क्षेत्र में एक से ज्यादा तेंदुए मौजूद हैं। नागपुर वन विभाग प्रादेशिक क्षेत्र अंतर्गत दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड़, कोंढाली, काटोल, हिंगना, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी और खापा वन परिक्षेत्र आता है। जहां बड़ी संख्या में तेंदुए मौजूद हैं। यहां मानवी बस्तियां भी आस-पास बनी हैं। ऐसे में कई घटनाएं ऐसी होती हैं, जिसमें तेंदुआ रिहायशी इलाके में पहुंच जाते हैं। यही कारण है कि कई बार मानव-वन्यजीव संघर्ष पैदा हो जाता है, जिसमें वन्यजीव की जान चली जाती है। कई बार मानवी इलाको तक वन्यजीव आने से सड़क हादसे में भी उनकी मौत हो जाती है। अगस्त 2022 से अब तक 6 तेंदुए की मौत नागपुर विभाग में दर्ज की गई है।
Created On :   1 Oct 2023 7:44 PM IST