सड़ गया एक बाघ का शव, वन विभाग को जानकारी तक नहीं

सड़ गया एक बाघ का शव, वन विभाग को जानकारी तक नहीं
  • नियमित गश्त पर रहने के दावे में कितना दम
  • सड़ गया एक बाघ का शव
  • झाड़ियों में पड़ा था

डिजिटल डेस्क, नागपुर. उमरेड-पवनी-करांडला अभायरण्य में एक बाघ की मौत हो गई। मौत सप्ताह भर पहले हुई, लेकिन सुस्त वन विभाग को इसकी भनक ही नहीं लग सकी। शनिवार को गश्त के दौरान शव सड़ने से फैली दुर्गंध के बाद इसकी जानकारी लगी, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। प्राथमिक अनुमान के अनुसार दो बाघों की आपसी भिड़ंत में उपरोक्त बाघ की मौत होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि अभी जांच चल रही है। बता दें कि उपरोक्त अभयारण्य बहुत छोटा है। यहां बाघों की उपस्थिति आसानी से पता चल जाती है। साथ ही किसी बाघ का यहां नहीं दिखाना भी आसानी से समझ आता है। वन कर्मचारी नियमित गश्त भी करते रहते हैं। ऐसे में बाघ की मौत का पता महीनों बाद लगना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है।

झाड़ियों में पड़ा था

जानकारी के अनुसार, शनिवार को उपरोक्त जगह पर क्षेत्रीय कर्मचारी नियमित गश्त कर रहे थे, जिसमें वनरक्षक जफरअली सय्यद को कक्ष क्रमांक 1418 में नाले के पास वन्यजीव के शव की तेज बदबू आई। जांच करने पर झाड़ियों में एक वयस्क बाघ का शव पड़ा दिखा, जिसकी मौत काफी पहले हुई थी। वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी गई। उन्होंने घटनास्थल पर पहंुच नियमानुसार शव का पोस्टमार्टम कराया। बाघ के शरीर के सारे अंग मौजूद थे। ऐसे में अवैध शिकार का मामला नहीं लग रहा था। उसके शरीर पर नुकीले दांतों के निशान पाये गये, ऐसे में अनुमान लगाया गया कि किसी अन्य बाघ से भिड़ंत के बाद बाघ की मौत हुई होगी। अंतिम संस्कार के वक्त पेंच व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक श्रीलक्ष्मी के साथ सेलू के सहायक वनसंरक्षक मंगेश ठेंगड़ी, मानद वन्यजीव रक्षक अविनाश लोंढे, एनटीसीए प्रतिनिधि प्रफुल्ल भांबुरकर, पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. रोहिणी टेंभुर्णे, उमरेड वनपरिक्षेत्र अधिकारी मंगेश ताटे आदि उपस्थित थे।

सावकार के होने का इसलिए अंदेशा : महीने भर पहले बाघ सूर्या और सावकार के बीच अस्तित्व को लेकर लड़ाई हुई थी, जिसमें सूर्या गंभीर घायल हुआ था। अब महीने भर बाद सूर्या व सावकार के बीच दोबारा लड़ाई में सावकार की मौत होने का कयास लगाया जा रहा है। दोनों की लड़ाई में सूर्या बाघ को कोई जख्म नहीं है। पर्यटकों को सूर्या और कॉलरवाली बाघिन ठाना तालाब मंे एक साथ दिखाई दिए। वहीं सावकार के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है। ऐसे में क्षत-विक्षिप्त हालत में पाया गया बाघ का शव सावकार का होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। वहीं बाघ की मौत सप्ताह भर पहले होने का कयास लगाया जा रहा है। बाघ के नाखून, मूंछे,हड्डी, खाल आदि बरामद कर सभी अवयव को दफनाया गया।

संबंधित बाघ ब्रह्मपुरी वनपरिक्षेत्र से उमरेड करांडला में आने शंका होकर नर बाघ यह उमरेड करण्डला अभयारण्य में सावकार नाम से जाना जाता था।

Created On :   4 Jun 2023 3:21 PM IST

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