मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा - विदर्भ के निर्दलीय विधायकों की उम्मीदें बढ़ीं

मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा - विदर्भ  के निर्दलीय विधायकों की उम्मीदें बढ़ीं
निर्दलीय विधायकों ने मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए सत्तापक्ष के बड़े नेताओं से संपर्क बढ़ा दिया है

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा के बीच विदर्भ के निर्दलीय विधायकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दावा किया जा रहा है कि, मंत्रिमंडल विस्तार में विदर्भ के 3 से 4 विधायकों को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। निर्दलीय विधायकों ने मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए सत्तापक्ष के बड़े नेताओं से संपर्क बढ़ा दिया है। राज्य में सत्ता संघर्ष के बीच मंत्रिमंडल विस्तार का मामला लंबित है, लेकिन उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का मार्ग खुल गया है। विस्तार को लेकर तारीखें तक बतायी जाने लगी हैं। 21, 22 या 26 मई को मंत्रिमंडल विस्तार के लिए शुभ मुहूर्त माना जा रहा है। फिलहाल मंत्रिमंडल में 20 सदस्य हैं। बताया जा रहा है कि, 20 और सदस्य मंत्रिमंडल में शामिल किए जा रहे हैं।

विदर्भ में सबसे अधिक निर्दलीय विधायक : 2019 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 13 निर्दलीय विधायक चुने गए। इनमें सबसे अधिक 7 निर्दलीय विधायक विदर्भ से हैं। खास बात है कि, सभी निर्दलीय विधायक सत्तापक्ष के करीब है। विदर्भ के निर्दलीय विधायकों में आशीष जैस्वाल रामटेक, नरेंद्र भोंडेकर भंडारा, िवनोद अग्रवाल गोंदिया, किशोर जोरगेवार चंद्रपुर, देवेंद्र भुयार मोर्शी, बच्चू कड़ू अचलपुर व रवि राणा बडनेरा के विधायक हैं। लगभग सभी विधायक सत्ता में भागीदारी के लिए प्रयास करते रहे हैं। बच्चू कड़ू महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री थे। सत्ता परिवर्तन के घटनाक्रम में वे चर्चित रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ वे गुवाहाटी जाने वाले विधायकों में प्रमुखता से शामिल रहे हैं। वे बार-बार स्मरण कराते रहते हैं कि, उन्हें सत्ता में भागीदारी का वचन दिया गया था। प्रहार संगठन के प्रमुख कड़ू राज्य मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में स्थान पाने से चूक गए हैं। अमरावती जिले में कड़ू के स्पर्धक विधायक रवि राणा भी सत्ता में भागीदारी चाहते हैं। हनुमान चालीसा पाठ के साथ आघाड़ी सरकार के समय राणा चर्चा में रहे। रवि राणा को सांसद पत्नी नवनीत कौर के साथ जेल भी जाना पड़ा था। राणा स्वाभिमानी पक्ष के प्रमुख हैं। वे भाजपा के लिए राजनीतिक माहौल बनाने का प्रयास करते रहते हैं। देवेंद्र भुयार राज्य में सत्ता परिवर्तन के पहले से ही भाजपा को समर्थन करते रहे हैं।

पूर्व विदर्भ की भागीदारी

निर्दलीय विधायक पूर्व विदर्भ की भागीदारी बढ़ाने का दावा भी करत सकते हैं। राज्य खनिकर्म महामंडल के अध्यक्ष आशीष जैस्वाल उन विधायकों में शामिल हैं, जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीब हैं। वे शिवसेना शिंदे गुट की ताकत बढ़ाने के लिए मंत्रिपद की मांग कर सकते हैं। किशोर जोरगेवार राज्य में निर्दलीय विधायकों के नेता की भूमिका में रहे हैं। निर्दलीय विधायकों के विषयों को वे विधानसभा में भी उठाते रहे हैं। चंद्रपुर में पूर्व मंत्री विजय वडेटटीवार व सांसद बालू धानोरकर को राजनीतिक चुनौती देने के लिए भाजपा जोरगेवार का महत्व बढ़ा सकती है। नरेंद्र भोंडेकर शिवसेना में पहले से ही एकनाथ शिंदे के समर्थक रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री के पुत्र सांसद श्रीकांत शिंदे की उपस्थिति में पवनी में विकास कार्य का भूमिपूजन कराया। भोंडेकर सामाजिक न्याय के विषय के साथ भी मंत्रिपद के लिए अपनी दावेदारी को बढ़ा सकते हैं। िवनोद अग्रवाल संगठन सेवा के विषय के साथ भाजपा के कोटे से मंत्रिपद की चाह रखते हैं।

Created On :   15 May 2023 7:43 PM IST

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