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सबसे बड़ी परेशानी: मुश्किल में किसान, खेती का काम इस समय तेजी पर होती है
- लगातार मवोशियों पर हमले
- मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला अंतर्गत कई गांव में इन दिनों तेंदुओं की संख्या बढ़ गई है। गांव की दहलीज तक इनके पहुंचने से ग्रामवासी दहशत में हैं। उमरेड, काटोल, रामटेक, बुटीबोरी व खापा आदि जगहों पर तेंदुओं की मूवमेंट बढ़ गई है। मवेशियों का शिकार हो रहा है। ऐसे में खेत मजदूर दहशत में आ गए हैं। वह काम पर नहीं जा रहे हैं, जिससे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
मजदूरों की इसी वक्त जरूरत
नागपुर प्रादेशिक की बात करें तो इसमें दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड, कोंढाली, काटोल, हिंगना, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी, खापा वन क्षेत्र आते हैं। यहां कई छोटे-छोटे गाव बसें हैं। यहां के लोग खेती पर निर्भर रहते हैं। जंगलों के पास तक खेती पहुंच गई है। मुख्य कारण कई जगह पर अतिक्रमण भी है। इन दिनों खेतों में कपास चुनने से लेकर फसल बुआई की कई गतिविधियां हैं, जिस कारण मजदूरों की जरूरत है, लेकिन मजदूर खेत में आने से डर रहे हैं, क्योंकि कई जगहों पर तेंदुओं व बाघों की दहशत बनी है।
लगातार मवोशियों पर हमले
खापा के कोथुडना, निमतलाई, पेढरी, खैरी पंजाब में आए दिन मवेशियों का शिकार हो रहा है। हाल ही में गांव के एक तबेले से तेंदुए ने जर्सी गाय का शिकार किया है। इसी तरह उमरेड के तारणा, लोहारा व अंबेखानी में आए दिन मवेशियों पर बाघ या तेंदुए का आक्रमण हो रहा है। वन विभाग इनके लिए उपाय योजना करने का दावा कर रहा है, लेकिन उमरेड का क्षेत्र छोटा व वन्यजीवों की संख्या ज्यादा होने से यहां आए दिन मानव-वन्यजीवों का आमना-सामना हो रहा है।
मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है
डॉ. भारतसिंह हाडा, उपवनसंरक्षक, वन विभाग के मुताबिक उमरेड, काटोल, खापा आदि जगहों पर तेंदुओं की मूवमेंट है। उन पर नियंत्रण रखने की कोशिश की जा रही है। वह गांव तक मुश्किल से ही पहुंचते हैं। मवेशियों के लिए बनाए तबेले पूरी तरह से पैक होने पर तेंदुआ भीतर नहीं घुस पाएगा।
Created On :   13 Nov 2023 4:20 PM IST