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क्राइम: अवैध साहूकार सागर दोशी पर चौथा मामला दर्ज, 20 लाख की दुकान 4 लाख रुपए में गिरवी
- चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर पीड़ित से फ्लैट भी मांगा
- मजबूरी का फायदा उठाता था आरोपी
- सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त ने कसा था शिकंजा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. संतरानगरी में जब भू-माफिया और अवैध साहूकारों की तूती बोलती थी, तब तत्कालीन पुलिस आयुक्त डॉ. के. व्यंकटेश ने कार्यवाई शुरू की, तो कई भूमिगत हो गए थे। इस बार शहर पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल ने भी एक अवैध साहूकार के खिलाफ ठोस कदम उठाते हुए उस पर धड़ाधड़ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। सागर दोशी नामक अवैध साहूकार के खिलाफ हुड़केश्वर थाने में भी एक और मामला दर्ज हुआ है। इस साहूकार के खिलाफ इसके पहले बेलतरोड़ी, अंबाझरी और अजनी थाने में मामला दर्ज हो चुका है। हुड़केश्वर थाने में चौथा मामला शनिवार को दर्ज हुआ। पुलिस आयुक्त डॉ. सिंगल के पास पीड़ितों की ऐसी सैकड़ों शिकायतें पहुंची हैं, जिसमें इस अवैध साहूकार ने पीड़ितों से कर्ज की रकम और ब्याज लेने के बाद उनकी गिरवी रखी संपतियां भी हड़प ली हैं।
चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर पीड़ित से फ्लैट भी मांगा
पुलिस के अनुसार सागर जोशी के खिलाफ हुड़केश्वर थाने में संजय खांडेकर ने शिकायत दर्ज कराई है। आरोपी सागर ने संजय की 4 लाख में 20 लाख की दुकान गिरवी रखी थी। सागर का लालच कम नहीं हुआ और उसने संजय को बताया कि, उस पर 17 लाख 59 हजार रुपए बाकी हैं। इसके बदले में उसने संजय से उनका फ्लैट मांगा। इनकार करने पर संजय के परिवार को मारने की धमकी दी।
मजबूरी का फायदा उठाता था आरोपी
आरोपी लंबे समय से अवैध साहूकारी में लिप्त है और गरीब और जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें ब्याज पर पैसे देता था तथा बदले में उनकी जमीन, दुकान, प्लॉट या फ्लैट गिरवी रखता था। बाद में गिरवी संपति की सागर अपने नाम पर रजिस्ट्री करा लेता था। ब्याज की रकम वापस करने पर और रकम बाकी है, ऐसा हिसाब दिखाकर उनकी संपत्ति हड़प लेता था। बेसा निवासी संजय खांडेकर जमीन खरीदी- बिक्री का काम करते हैं। उन्होंने वर्ष 2016 से जुलाई 2024 के बीच आरोपी सागर से 4 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। संजय ने ब्याज के साथ 2 लाख रुपए आरोपी को दिए, लेकिन आरोपी सागर ने चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर ब्याज की रकम 4 लाख रुपए कर दी। संजय की एक दुकान है। दुकान की कीमत करीब 20 लाख रुपए है। आरोपी ने ब्याज की रकम माफ करने के लिए उनकी दुकान कब्जे में ले ली। इसके बाद 4 लाख रुपए का ब्याज भी खत्म नहीं हो रहा था। संजय पर 17 लाख 59 हजार रुपए बकाया थे। वह उनके फ्लैट को हड़पने की तैयारी में था।
सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त ने कसा था शिकंजा
सेवानिवृत्त हो चुके आईपीएस अधिकारी डॉ. के. व्यंकटेशम जब नागपुर में पुलिस आयुक्त थे, तब उन्होंने शहर के माफियाओं की कमर तोड़ दी थी। इस कार्य में तत्कालीन पुलिस उपायुक्त गजानन राजमाने का अहम योगदान रहा। डॉ. व्यंकटेशम ने गैंगस्टर संतोष आंबेकर, रंजीत सफेलकर, इप्पा गैंग, अाबू गैंग पर मकोका की कार्रवाई कर इनका शहर में आतंक खात्म किया था। इन दो अधिकारियों के अलावा शहर के लोग सहायक पुलिस आयुक्त रहे सोमनाथ वाघचौरे को भी याद करते हैं। इन्होंने कई अवैध साहूकारों को जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया था और पीड़ितों को उनकी जमीन, प्लॉट और खेती वापस दिलाने में महती भूमिका निभाई थी।
पुलिस आयुक्त डॉ. सिंगल के आदेश पर दर्ज हो रहे मामले
अब पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल ने भी ऐसी ही शुरूआत की है, जो लोग सागर दोशी के खिलाफ मामला दर्ज कराने में हिचक रहे थे, उसके खिलाफ पुलिस आयुक्त के आदेश पर आखिर मामला दर्ज हो गया।
Created On :   4 Aug 2024 4:49 PM IST