- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- फर्जीवाड़ा : लवली, पूमा, कस्टमर,...
फर्जीवाड़ा : लवली, पूमा, कस्टमर, एप्लिकेशन को नहीं जानता सीईटी सेल
- इन एप्लिकेशन को नहीं जानता सीईटी सेल
- सिर्फ परसेंटाइल ही बताएंगे
- पारदर्शिता पर उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, नागपुर, सौरभ खेकडे| राज्य सीईटी सेल द्वारा एमबीए सीईटी के नतीजों परिणामों में "लवली', "पूमा', "कस्टमर', "एप्लिकेशन' नामक फर्जी नाम और उन्हें आवंटित उच्च परसेंटाइल पर सीईटी सेल को कोई जानकारी नहीं है। न ही उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत मिली है। यह आश्चर्यजनक बयान सीईटी सेल की ओर से जारी किया गया है। 21 जून को दैनिक भास्कर ने एमबीए सीईटी के परिणाम में हुई अनियमितताओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद बुधवार को हमने सीधे सीईटी सेल के आयुक्त महेंद्र वरभुवन से संपर्क किया। कई बार संपर्क करने के बाद भी उन्होंने हमारे फोन का कोई उत्तर नहीं दिया। आखिरकार कुणाल देवकर नामक अधिकारी बात करने को सहमत हुए। लिस्ट में फर्जी नामों पर प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने इस प्रकार के किसी भी मामले की जानकारी होने से स्पष्ट इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हम इस प्रकार के नामों से बिलकुल अनजान हैं और न ही हमें विद्यार्थियों की इस मामले में कोई शिकायत मिली है। आश्चर्य है कि एक ओर जहां विद्यार्थी सीईटी सेल को लिखे ई-मेल में यह स्पष्ट शिकायत कर चुके हैं, साथ ही मुंबई के स्थानीय विद्यार्थियों के समूह ने सीधे सीईटी आयुक्त वरभुवन से मुलाकात करके उन्हें इस विषय से अवगत भी कराया है, इसके बाद ऐसी ‘अनभिज्ञता’ प्रश्न पैदा कर रही है।
सीईटी के नतीजों में विद्यार्थियों को केवल परसेंटाइल बताया गया है, उन्हें परीक्षा में कुल कितने अंक मिले इसकी जानकारी नहीं दी गई है। जबकि जेईई मेन्स, नीट और अन्य सभी प्रवेश परीक्षा में स्पष्ट रूप से स्कोर बताया जाता है। इसी कारण से एमबीए सीईटी परीक्षार्थी नाराज हैं। इस विषय पर प्रश्न पूछे जाने के बाद देवकर ने जवाब दिया कि सीईटी सेल पहले जी यह सूचना जारी कर चुका था कि वे इस परीक्षा के केवल परसेंटाइल अंक जारी करेंगे। साथ ही जो नतीजे तैयार किए गए हैं वो "नॉर्मलाइजेशन पॉलिसी' के तहत तैयार किए गए हैं। नतीजों में कोई गड़बड़ी नहीं है।
एमबीए सीईटी के परीक्षार्थियों की शिकायत है कि यह परीक्षा पारदर्शी तरीके से संपन्न नहीं हुई। आरोप है कि परीक्षा में जमकर नकल हुई, कई फर्जी विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। कई अपात्र विद्यार्थियों को अच्छा स्कोर और होनहार विद्यार्थियों को कम स्कोर दिया गया है। ऐसे ही "लवली', "पूमा', "कस्टमर', "एप्लिकेशन' नामक विद्यार्थियों को अच्छे परसेंटाइल दे दिए गए। इससे कई छात्र मेरिट लिस्ट में पिछड़ गए और संभ्रांत कॉलेज में प्रवेश का उनका सपना चकनाचूर हो गया।
Created On :   22 Jun 2023 7:03 PM IST