लापरवाही: नागपुर जिले में 30 स्कूलों की दयनीय स्थिति

नागपुर जिले में 30 स्कूलों की दयनीय स्थिति
प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हाई कोर्ट में सरकारी स्कूलों को लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई हो रही है। हाई कोर्ट ने 21 जुलाई को अपने आदेश में राज्य सरकार को प्रत्येक जिले में स्कूलों की अवस्था की जांच करने का आदेश दिया है। जांच समिति की अध्यक्षता जिला सत्र न्यायाधीश को सौंपी गई है। प्रत्येक जिले की समिति को 60 दिनों में रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया गया है। हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में मनपा के 81 मराठी स्कूलों में से 34 के बंद होने को लेकर भी याचिका प्रलंबित है। जिले में 15 अगस्त से समिति ने स्कूलों की अवस्था को लेकर सर्वेक्षण आरंभ किया है। अब तक जिप और मनपा के करीब 30 स्कूलों का सर्वेक्षण हो चुका है, जिनकी दयनीय स्थिति सामने आई है। हालांकि तकनीकी कारणों से सर्वेक्षण अभी बंद है, लेकिन 25 सितंबर से दोबारा सर्वेक्षण शुरू होगा।

निधि के लिए इंतजार : जिले में सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों के साथ ही शौचालय, पेयजल आपूर्ति समेत शिक्षादान की सुविधाओं की समीक्षा की जा रही है। सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित समिति ने 1 माह में 30 स्कूलों का सर्वे किया है। इन स्कूलों में इमारतों समेत शिक्षादान की सुविधा के बुरे हाल नजर आए हैं। मनपा के प्रेम नगर प्राथमिक स्कूल में भी समिति को बुरे हाल दिखाई दिए हैं। जून में संजय नगर कलमना स्कूल की इमारत की खराब स्थिति के चलते विद्यार्थियों को इसी स्कूल में स्थानांतरित किया गया था। समिति ने मनपा के शिक्षा विभाग को तत्काल उपाय योजना करने का निर्देश दिया। इमारत के स्ट्रक्चरल ऑडिट में इमारत की बुनियाद को ठीक पाया गया है। ऐसे में अब मनपा ने 9 लाख रुपए से सीमेंट फ्लोरिंग, प्लास्टर, खिड़की, दरवाजे लगाने के साथ ही शौचालयों की दुरुस्ती का प्रस्ताव बनाया है। हालांकि अब भी जिप और मनपा के अनेक स्कूलों में दुरुस्ती के लिए राज्य सरकार से निधि को पाने का इंतजार करना पड़ रहा है।

समिति कर रही निरीक्षण : हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिले में भी निरीक्षण समिति का गठन किया गया है। जिला सत्र न्यायाधीश जे. पी. झपाटे की अध्यक्षता में समिति में सचिव के रूप में जिप के शिक्षणाधिकारी रविन्द्र काटोलकर, उपजिलाधिकारी (पुनर्वसन) सचिन गोसावी, लोकनिर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता, शहर पुलिस उपायुक्त श्वेता खेड़कर एवं ग्रामीण पुलिस उप अधीक्षक विजय माहुलकर का समावेश है। समिति की ओर से जिप के करीब 900 और मनपा के 195 से अधिक स्कूलांे की सुविधाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

बुनियादी सुविधाएं नहीं : हाई कोर्ट के निर्देश पर अब तक मनपा और जिप क्षेत्र के करीब 30 स्कूलों का सर्वेक्षण किया जा चुका है। इनमें से अधिकतर स्कूलों में शौचालय, पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। कई स्कूलों में इमारत एवं अन्य ढांचागत सुविधाएं भी बुरे हाल में हैं। ऐसे में जिप और मनपा प्रशासन से सुविधाओं को तैयार करने का प्रयास होगा। 25 सितंबर से दोबारा से सर्वे आरंभ किया जाएगा। रविन्द्र काटोलकर, शिक्षणाधिकारी, जिप

Created On :   21 Sept 2023 3:20 PM IST

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