जैसे ईडब्ल्यूएस को आरक्षण मिला, वैसे ही मराठा समाज को भी दिया जाए - वडेट्टीवार

जैसे ईडब्ल्यूएस को आरक्षण मिला, वैसे ही मराठा समाज को भी दिया जाए - वडेट्टीवार
‘इंडिया’ का डर, इसलिए वन नेशन, वन इलेक्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना में लाठीचार्ज के बाद आंदोलन हिंसक हो गया है। असर संपूर्ण महाराष्ट्र में दिखाई दे रहा है। विधानसभा में विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार ने नागपुर में बात करते हुए इसके लिए महायुति सरकार को जिम्मेदार बताते हुए गृह विभाग को कटघरे में खड़ा किया। मराठा समाज की मांग का समर्थन करते हुए वडेट्टीवार ने कहा कि जैसे ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दिया गया है, वैसे ही मराठा समाज को भी आरक्षण दिया जाए। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 5 दिन का विशेष अधिवेशन बुलाया है, उसमें इसे मंजूर किया जाए या फिर राज्य सरकार दो दिन का ‌विशेष अधिवेशन बुलाकर इसे मंजूर कर केंद्र सरकार को भेजें। हमारा पूरा समर्थन रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर ओबीसी कोटे से मराठा समाज को आरक्षण दिया जाता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन सरकार इसके लिए ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाए, क्योंकि ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद 50 प्रतिशत की सीमा वैसे भी नहीं रही है।

रविभवन में अपने कॉटेज पर संवाददाताओं से बात करते हुए विरोधी पक्षनेता वडेट्टीवार ने कहा कि देश में ईडब्ल्यूएस को बिना आंदोलन, किसी तरह की मांग नहीं और सड़क पर उतरने बिना 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इधर, मराठा समाज को लाखों की संख्या में मोर्चे निकालने के बावजूद आरक्षण नहीं मिल रहा है। अब यह लड़ाई न्यायालयीन नहीं, राजनीतिक इच्छाशक्ति की है। जिस तरह ईडब्ल्यूएस को आरक्षण दिया है, उसी तरह पर मराठा समाज को आरक्षण मिले। ओबीसी की जनसंख्या 52 प्रतिशत है, उन्हें 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। अगर ओबीसी कोटे से आरक्षण देना है तो आरक्षण की सीमा बढ़ानी होगी। ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद देश में आरक्षण 60 फीसदी हो गया है। आरक्षण की सीमा नहीं रही है। तमिलनाडु में आरक्षण 70 प्रतिशत तक गया है।

‘इंडिया’ का डर, इसलिए वन नेशन, वन इलेक्शन

कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने कहा कि केंद्र सरकार ‘इंडिया’ से डरी हुई है। अनेक सर्वे में इन्हें नुकसान दिखाया गया है। इसलिए अचानक वन नेशन, वन इलेक्शन का मुद्दा सामने किया है। अगर सरकार को वन नेशन, वन इलेक्शन कराना था, तो साल भर पहले भी इसे लाया जा सकता है। अभी चुनाव को कम समय बचा है। इसके लिए एक तिहाई राज्यों के मंजूरी की आवश्यकता होगी। अगर सरकार के पास मैजिक फिगर है, तो इसे पास करा ले।

ओबीसी-मराठा को लड़ाना चाहती है सरकार : वडेट्टीवार ने कहा कि महायुति सरकार के डेढ़ साल के शासनकाल में हिंदू-मुस्लिम के 7 दंगे हो चुके हैं। सरकार ने यह प्रयोग करके देखा है, लेकिन सफल नहीं हुए। इसलिए अब ओबीसी और मराठा को लड़ाना चाहती है। लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। वोट के लिए सरकार कुछ भी कर सकती है। गृहविभाग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस आखिर किसके इशारे पर पहुंची थी। सिर्फ घोषणा देने के कारण पुलिस ने वहां लाठीचार्ज किया है। आंदोलन को गुंडागिरी से कुचला जा रहा है, यह सरकार की विफलता है।

Created On :   3 Sept 2023 7:25 PM IST

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