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टाउन वेंडिंग कमेटी की योजना को हरी झंडी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बीते कुछ दिनों से फेरीवालोंं और मनपा के बीच जारी टकराव के बीच बॉम्बे हाई होर्ट की नागपुर खंडपीठ का एक अहम फैसला आया है। हाई कोर्ट ने नागपुर महानगर पालिका को टाउन वेंडिंग कमेटी की योजना को लागू करने का अंतरिम आदेश जारी किया है। इस योजना में हॉकिंग जोन तय करने, फेरीवालों का सर्वेक्षण और पंजीयन करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समावेश है। हाई कोर्ट का यह फैसला फेरीवालों को राहत प्रदान करने वाला है। काफी समय से यह प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन था, लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई फैसला नहीं लेने से हाई कोर्ट ने ही इसे लागू करने की अंतरिम मंजूरी दी है। नागपुर मनपा यह योजना लागू करने वाली राज्य की पहली महानगर पालिका बन जाएगी।
यह है मामला : नागपुर शहर में फेरीवालों के लिए हॉकिंग जोन तय करने का मुद्दा काफी पुराना है। फेरीवाले फुटपाथ पर दुकानें लगाते हैं, जिससे यातायात जाम और अन्य प्रकार की समस्याएं होती हैं, वहीं फेरीवालों को भी अतिक्रमण की कार्रवाई झेलनी पड़ती है। बीते दिनों मनपा ने शहर के महल स्थित कल्याणेश्वर मंदिर रोड के पंजीकृत फेरीवालों और दुकानदारों के खिलाफ अतिक्रमण की कार्रवाई की थी, जिसके खिलाफ सूतिकागृह चाक दुकानदार संघ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके अनुसार गांधीबाग जोन के महल स्थित कल्याणेश्वर मंदिर रोड पर मनपा की सुरक्षा दीवार से सट कर ये दुकानदार बीते 35 वर्ष से व्यवसाय कर रहे हैं। स्ट्रीट वेंडर अधिनियम 2015-16 के तहत फेरीवालों का सर्वेक्षण किया गया। इसके बाद टाउन वेंडिंग कमेटी गठित करने के लिए मतदाता सूची भी तैयार की गई। मनपा ने दुकानदारों से शुल्क लेकर उन्हें लाइसेंस भी जारी किए, लेकिन मनपा ने आखिरकार इन्हें अतिक्रमणकारी बता कर कार्रवाई शुरू कर दी। इस समस्या के समाधान के रूप में टाउन वेंडिंग कमेटी के दिशा-निर्देशों को अंतरिम मंजूरी दे कर अमल का आदेश हाई कोर्ट ने जारी किया है।
सरकार नहीं ले रही थी फैसला : शहर में हॉकर्स जोन तैयार करने के लिए नागपुर टाउन वेंडिंग कमेटी ने कुछ दिशा-निर्देश तय किए थे। 18 अप्रैल 2023 को नागपुर महानगर पालिका ने इन दिशा-निर्देशों को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा था, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर लंबे समय तक फैसला नहीं लिया, वहीं शहर में जगह-जगह फेरीवालों और अन्य वर्गों के बीच टकराव बढ़ रहा था। इस नाजुक स्थिति को देखते हुए हाई कोर्ट ने अंतरिम व्यवस्था के रूप में इसे मंजूरी दी है।
Created On :   19 Aug 2023 2:35 PM IST