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आरोप: एनजीओ को हटाने कराए जा रहे हैं हमले : सुले
डिजिटल डेस्क, नागपुर । विदर्भ में कई एनजीओ पर संकट है। विकास योजना के नाम पर पहले तो संबंधित एनजीओ संचालक को सूचना दी जाती है। बाद में धमकी मिलने लगती है। विशेषकर महिला संचालकों पर हमले कराए जा रहे हैं। पुलिस के सामने भी सुनवाई नहीं हो पाती है। आरोपों की छानबीन बिना ही एफआईआर दर्ज करा दी जाती है। राकांपा कार्याध्यक्ष सुप्रिया सुले के सामने यह विषय रखा गया।
सबकी अपनी-अपनी बात : रविवार को सुले ने रविभवन में विविध क्षेत्रों के जानकारों से चर्चा की। इस दौरान एनजीओ अर्थात स्वयंसेवी संस्थाओं पर संकट का िवषय प्रमुखता से रखा गया। सामाजिक कार्यकर्ता रुबीना पटेल ने कहा कि एनजीओ को साफ तौर पर टारगेट किया जा रहा है।
-किसान नेता विजय जावंधिया ने खेत मजदूरों का विषय प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि नौकरीपेशा महिलाओं के समान मजदूर महिलाओं को भी प्रसूति के दौरान 26 सप्ताह का अवकाश मिलना चाहिए। मजदूर महिलाओं के बैंक खाते में अवकाश के दौरान की निधि जमा होना चाहिए। कपास का दाम बढ़ाने के साथ ही मजदूर महिलाओं की मजदूरी दर बढ़ाने की आवश्यकता है।
प्रज्वला तट्टे ने शिक्षा के निजीकरण को रोकने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि कम से कम 12वीं तक शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल अनिवार्य होना चाहिए।
अरुणा सबाने ने कहा कि महिला अत्याचार रोकने की बात तो बहुत होती है, लेकिन कानून का सही पालन नहीं हो पाता है। महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून का कड़ाई से पालन आवश्यक है।
श्रीमती भोंगाडे ने घरेलू महिला कामगारों का विषय रखा। राजनीति से संबंधित पूरन मेश्राम के सुझाव पर सुले ने कहा कि प्रकाश आंबेडकर व मायावती को विपक्ष के गठबंधन में शामिल करने का प्रयास किया गया।
विविध स्तर पर चर्चा हुई। लेकिन ये दोनों नेता विपक्ष के गठबंधन में शामिल होने के अनुकुल कार्य नहीं कर रहे हैं।
Created On :   3 Oct 2023 2:38 PM IST