केंद्र प्रमुखों के 30 पद रिक्त, डगमगा रही शैक्षणिक गुणवत्ता

केंद्र प्रमुखों के 30 पद रिक्त, डगमगा रही शैक्षणिक गुणवत्ता
बिगड़ती शैक्षणिक गुणवत्ता से पालकों की चिंता बढ़ी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के शिक्षा विभाग में रिक्त पद चिंताजनक है। शिक्षकों से लेकर उपशिक्षणाधिकारी तक अनेक पद रिक्त है। स्कूलों पर पर्यवेक्षण की प्रमुख भूमिका निभाने वाले केंद्र प्रमुखों के 30 से अधिक पद रिक्त रहने से स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता डगमगा रही है। गटशिक्षणाधिकारी तथा विस्तार अधिकारियों के रिक्त पदों की केंद्र प्रमुखों पर जिम्मेदार आने से उनका स्कूलों के पर्यवेक्षण से पूरी तरह ध्यान हट गया है। केंद्र प्रमुखों का स्कूलों पर नियंत्रण नहीं रहने से अनेक शिक्षकों के स्कूल आने-जाने का समय अपनी मर्जी से तय कर रखा है। शिक्षकों की खानापूर्ति से ग्रामीण स्कूलों की बिगड़ती शैक्षणिक गुणवत्ता से पालकों की चिंता बढ़ गई है।

136 केंद्र प्रमुखों के पद मंजूर

जिला परिषद के 1515 स्कूल है। इन स्कूलों पर पर्यवेक्षण के लिए केंद्र प्रमुखों के 136 पर मंजूर है। उनमें से 30 पद रिक्त है। उनकी अतिरिक्त जिम्मेदारी अन्य केंद्र प्रमुखों पर है। गटशिक्षणाधिकारी तथा शिक्षण विस्तार अधिकारी के आधे से ज्यादा पद रिक्त है। केंद्र प्रमुखों पर उनकी भी जिम्मेदारी है। केंद्र प्रमुख अपनी जिम्मेदारी छोड़ अन्य कामों में व्यस्त हो जाने से शिक्षकों का अध्यापन तथा शैक्षणिक गुणवत्ता को नजरअंदाज किया जा रहा है।

शिक्षक के लिए आंदोलन की नौबत

जिला परिषद के शिक्षा विभाग में यहां तक नौबत आ गई कि शिक्षक के लिए विद्यार्थी और पालकों को आंदोलन करना पड़ रहा है। स्कूल खुलकर डेढ़ महीना होने पर भी शिक्षक नहीं मिलने से विद्यार्थी शिक्षणाधिकारी कक्ष में पहुंचे। शिक्षणाधिकारी से शिक्षक देने की गुहार लगाई।

पदोन्नति से केंद्र प्रमुख पद भर्ती

जिला परिषद स्कूलों में स्नातक शिक्षकों में से सेवा वरीयता के आधार पर केंद्र प्रमुखों के पद भरे जाते हैं। एक साल पहले पदोन्नति से पद भरे गए। आरक्षण तथा पात्र उम्मीदवार के अभाव में केंद्र प्रमुखों के पद रिक्त हैं। केंद्र प्रमुख पद पर पदोन्नति दिए गए शिक्षकों के पद रिक्त है। भर्ती पर बंदी रहने से रिक्त हुए पद नहीं भरे गए।

मानधन पर शिक्षक नियुक्ति लड़खड़ाई

राज्य सरकार ने शिक्षकों के रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानधन पर नियुक्त करने के दिशा-निर्देश जारी किए। जिला परिषद के पदाधिकारियों का इसे विरोध है। सेवानिवृत्त शिक्षक के बदले शैक्षणिक पात्रता पूरी करने वाले बेरोजगार युवाओं को मानधन पर स्वयंसेवी शिक्षक नियुक्ति को अनुमति देने का सरकार को प्रस्ताव भेजा है। सरकार से उसे मंजूरी नहीं मिलने के कारण मानधन पर शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया लड़खड़ा गई है।

सेवानिवृत्त शिक्षक इच्छुक नहीं

शिक्षक संच मान्यता, अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन, उसके बाद रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती। यह प्रक्रिया अक्टूबर महीने तक चलने वाली है। तब तक विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान टालने के लिए सेवानिवृत्त 70 साल से कम उम्र के सेवानिवृत्त शिक्षकों को मानधन पर नियुक्त करने का सरकार ने आदेश दिया है। शिक्षणाधिकारी ने गटशिक्षणाधिकारियों से उनकी तहसील के इच्छुक शिक्षकों की सूची मंगवाई है। अभी तक किसी भी गटशिक्षणाधिकारी से शिक्षणाधिकारी के पास सूची प्राप्त नहीं हुई। संकेत साफ है कि सेवानिवृत्त शिक्षक मानधन पर सेवा में लौटने के लिए इच्छुक नहीं हैं।

Created On :   4 Aug 2023 4:21 PM IST

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