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वन विभाग की जमीन निगल रहे अतिक्रमणकारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन विभाग के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जमीन पर अतिक्रमण के कारण साकार नहीं हो पा रहे हैं। वर्तमान में केवल नागपुर प्रादेशिक विभाग में ही साढ़े पांच सौ हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण फैला हुआ है। इसे साफ करने के लिए वर्षों से जद्दोजहद की जा रही है। इसमें अब तक 250 हेक्टेयर भूमि पर से ही अतिक्रमण साफ करने में प्रशासन को सफलता मिली है।
वाइल्ड लाइफ इलाका : वन विभाग की बात करें, तो इनके दायरे में दो तरह के जंगल आते हैं, जिसमें एक वाइल्ड लाइफ व दूसरा प्रादेशिक इलाका होता है। वाइल्ड लाइफ जंगल के दायरे में आने वाले जमीन पर अतिक्रमण कम होता है, क्योंकि यहां इंसानों का अस्तित्व कम होता है, लेकिन प्रादेशिक इलाके गांव से सटकर होने के कारण यहां ग्रामीण वन विभाग की भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर लेते हैं। सबसे ज्यादा खेती के लिए जमीन पर अतिक्रमण किया जाता है।
यह हैं प्रादेशिक इलाके : प्रादेशिक इलाके में दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड़, कोंढाली, काटोल, हिंगणा, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी, खापा आदि इलाके आते हैं। इन इलाकों के आस-पास 500 से ज्यादा गांव बसे हैं। जहां हजारों की संख्या में नागरिक रहते हैं। यहां ज्यादातर इंसान जीवनयापन के लिए खेती करते हैं। इनकी खेती जंगल से सटकर होने से ये धीरे-धीरे वन विभाग की जमीन पर अतिक्रण कर अपनी जमीन में वन विभाग की जमीन शामिल करते रहते हैं। यही नहीं कई गांव में लोग वन विभाग की जमीन पर घर बांधकाम भी कर लेते हैं। फिलहाल 550 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमन फैल हुआ है, जिसे हटाने की जद्दोजहद वन विभाग की ओर से लगातार की जा रही है।
Created On :   10 Jun 2023 5:15 PM IST