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मेडिकल अस्पताल : रसीद की हेरा-फेरी के मामले में भेजा निलंबन का प्रस्ताव
- लिपिक पर गिरेगी गाज
- सात लोगों को दोषी माना, छह ठेका कर्मचारियों को भी हटाया
- अजनी पुलिस थाने में भी की गई शिकायत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मेडिकल में रसीद घोटाले पर गंभीरता दिखाते हुए प्रशासन ने कार्रवाई की है। रसीद में हेराफेरी कर आर्थिक घोटाले में लिपिक सहित सात लोगों को दोषी माना गया है, जिस कारण स्थायी कर्मचारी के निलंबन का प्रस्ताव वैद्यकीय शिक्षण व संशोध विभाग को भेजने की जानकारी मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने दी है। रसीद में हेरा-फेरी करने वाले कर्मचारियों की चोरी पकड़ने के बाद चार सदस्यीय जांच समिति ने बयान, रजिस्टर में पंजीयन और रसीद के सबूतों को ध्यान में रखकर तीन दिन में जांच पूरी की। समिति ने बुधवार को जांच रिपोर्ट अधिष्ठाता डॉ. गजभिये को सौंपी। रिपोर्ट प्राप्त होते ही अधिष्ठाता ने मेडिकल के स्थायी कर्मचारी अभिजीत विश्वकर्मा को निलंबित करने संदर्भ में प्रस्ताव वैद्यकीय शिक्षण विभाग के संचालक को भेजा है। इस दौरान छह ठेका कमचारियों को काम से हटाया गया है।
मेडिकल में मरीजों के एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे, रक्त जांच और ठीक होने के बाद बेड सहित अन्य शुल्क भरते समय 66 क्रमांक पर तैनात कर्मचारी मरीजों के रिश्तेदारों को दिए जाने वाले रसीद में शुल्क भुगतान का अलग-अलग आंकड़ा दर्ज करते थे। मरीज को दी जाने वाली रसीद में अलग आंकड़ा दिखाते और प्रशासन के डेटा में अलग। पिछले 4-5 महीने से यह काम शुरू था। लगभग 4 लाख रुपए के हेरा-फेरी होने का संदेह व्यक्त किया गया है। एक मामले में यह बात ध्यान में आने पर अधिष्ठाता डॉ. गजभिये ने पहल कर अधिकारियों के माध्यम से जांच शुरू की। मामला उजागर होने के बाद वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. शरद कुचेवार के नेतृत्व में डॉ. मोहम्मद फैजल, डॉ. मनीष ठाकरे, प्रशासकीय अधिकारी संजीव देशमुख की समिति से जांच की। हेरा-फेरी प्रकरण में लिप्त कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। इस मामले में अजनी पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक को भी शिकायत दी गई है।
डॉ. राज गजभिये, अधिष्ठाता, मेडिकल अस्पताल में इस प्रकरण में किसी प्रकार की मरीजों के रिश्तेदारों ने शिकायत नहीं की थी। प्रशासन के ध्यान में आने पर तत्काल जांच शुरू की। जांच समिति गठित की। समिति ने पारदर्शी जांच की और स्थायी कर्मचारियों के निलंबित करने का प्रस्ताव वैद्यकीय शिक्षण विभाग को भेजा गया। आदेश आते ही निलंबित किया जाएगा।
Created On :   22 Jun 2023 6:54 PM IST