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11.82 लाख लाभािथयों को दी जाएगी आयव्हरमेक्टिन दवा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में हाथी रोग नियंत्रण के लिए 17 अगस्त से औषधोपचार अभियान शुरू किया जाएगा। अभियान अंतर्गत गर्भवती माताएं, दो साल से कम आयुवर्ग के बच्चे, अति गंभीर मरीज को छोड़ सभी लाभार्थियों को आयु वर्ग के अनुसार डीईसी व एल्बेंडाजॉल गोलियां दी जाएंगी। इसके अलावा आयव्हरमेक्टिन नामक तीसरी नई दवा भी दी जाने वाली है। जिले में 11 लाख 82 हजार 217 लाभार्थी संख्या है।
5539 लोगों की टीम : विश्व स्वास्थ्य संगठन की सूचनानुसार भारत में हाथी रोग जड़ से खत्म करने के लिए इसे नियंत्रित करना जरूरी है। इसलिए औषधोपचार अभियान चलाया जाएगा। 2004 से यह अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में इस अभियान में जिले के उमरेड, कुही, भिवापुर, हिंगणा, कामठी व नागपुर ग्रामीण को शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत 11 लाख से अधिक लाभार्थी को सूचीबद्ध किया गया है। इन लाभार्थियों को दवा देने के लिए 5539 लोगों को तैयार किया गया है।
कहां-कहां बनेंगे बूथ : इनमें स्वास्थ्य सेवक, सेविकाएं, शिक्षण, आंगनवाडी कार्यकर्ता, दवा देने के लिए प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की नियुक्तियां की गई है। मरीजों को प्रत्यक्ष रुप से दवा दी जाने वाली है। दवा देने के लिए एक कर्मचारी के लिए 250 लाभार्थी निश्चित किये गए हैं। पहली बार सरकारी कार्यालयों, सरकारी बैंकों, स्कूल, कॉलेज, कारखाने, व्यापारी संकुल आदि स्थानों पर बूथ लगाए जाएंगे।
ऊंचाई के हिसाब से दी जाएगी : मरीजों को पहली बार तीसरी नई दवा आयव्हरमेक्टिन दी जाने वाली है। यह दवा ऊंचाई के हिसाब से निश्चित की गई है। 90 सेमी से कम ऊंचाई वाली गर्भवती माता, गंभीर मरीज आदि को यह दवा नहीं दी जाएगी। जिले में पहली व दूसरी खुराक के रुप में डीईसी व एल्बेंडाजॉल गोलियां दी जाएंगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समन्वय समिति स्थापित की गई है। समिति में जिला स्तर के विविध विभागों के प्रमुख, स्वयंसेवी संस्थाएं व चिकित्सा संस्थानों का समावेश है।
Created On :   16 Aug 2023 11:33 AM IST