मोटिवेटर और आध्यात्मिक गुरु ने बताया कैसे विश्व-गुरु बनेगा भारत, शासकीय पॉलिटेक्निक में अनोखी कार्यशाला

मोटिवेटर और आध्यात्मिक गुरु ने बताया कैसे विश्व-गुरु बनेगा भारत, शासकीय पॉलिटेक्निक में अनोखी कार्यशाला
  • कैसे विश्व-गुरु बनेगा भारत
  • शासकीय पॉलिटेक्निक में कार्यशाला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय पॉलिटेक्निक में ड्रीम प्रोजेक्ट "विश्व-गुरु भारत अभियान" लॉन्च किया गया। इस मौके पर व्यक्तित्व विकास पर कार्यशाला रखी गई थी। जिसमें इनोवेटिव मोटिवेटर और आध्यात्मिक गुरु प्रताप काशीकर और श्री संदेश कनोजे और प्रमुख रूप से शासकीय प्राचार्य डॉ. एम. बी. दाइगवने उपस्थित थे। पॉलिटेक्निक, ऑटोमोबाइल और मेक्ट्रोनिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. जी.के. अवारी, इंजीनियरिंग से डॉ. समीर तेलंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के वरिष्ठ व्याख्याता, प्रो. इमरान सैयद, प्रमुख पैकेजिंग प्रौद्योगिकी विभाग, मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग में प्रोफेसर किरण ठेकेदार वरिष्ठ व्याख्याता विभाग ने अपने अनुभव साझा किए। प्रथम वर्ष के छात्रों ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया।

श्री. प्रताप काशीकर ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि भारत को योग और ध्यान के लिए भी दुनियाभर में जाना जाता है। योग को तो वैश्विक मान्यता मिली है। इससे मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। पतंजलि का "योग सूत्र" एक प्राचीन ग्रंथ है, जो आंतरिक साधकों का मार्गदर्शक है। शांति और कल्याण भारत के विश्वगुरु बनने का बहुमूल्य मार्ग है।

डॉ. जीके अवारी ने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा प्राचीन काल में विज्ञान और गणित का योगदान अच्छी तरह से प्रलेखित है। दशमलव प्रणाली और बीजगणितीय संकेतन की उत्पत्ति भारत में हुई और इसने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी। दुनिया भर में गणित के अलावा साहित्य और कला के अंतर्गत भारतीय साहित्य, अहम भूमिका निभा रहा हैं।

प्रोफेसर इमरान सैयद ने समापन टिप्पणी और धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में भारत शिक्षा, तकनीक जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभा रहा है।

डॉ. समीर तेलंग ने प्रथाओं को विस्तार से बताया। बताया कि किस तरह भारत को "विश्व गुरु" बनाया जा सकता है। उन्होंने कार्यक्रम का संचालन किया। संस्थान के प्राचार्य डॉ. एम. बी. दाइगवने ने छात्रों की सराहना की। उन्होंने बताया कि "विश्व-गुरु भारत अभियान" की अवधारणा के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान को लेकर भी निरंतर गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। संस्थान के प्राचार्य डॉ. एम. बी. डाइगवने ने डॉ. समीर तेलंग के प्रयासों की सराहना की।

विभागाध्यक्ष डॉ. जी.के. अवारी के मार्गदर्शन में किरण ठेकेदार ने आभार व्यक्त किया।



Created On :   3 Sept 2023 6:43 PM IST

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