नागपुर मनपा वाट्सएप, ई-मेल पर भेजेगी टैक्स की डिमांड

नागपुर मनपा वाट्सएप, ई-मेल पर भेजेगी टैक्स की डिमांड
  • पर्यावरण पूरक और कम मानव संसाधन में कामकाज की पहल
  • ई-मेल पर भेजेगी टैक्स की डिमांड
  • आय में वृद्धि, खर्च में कटौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महानगरपालिका आनेवाले समय में संपत्ति और पानी के टैक्स की डिमांड वाट्स-एप तथा ई-मेल पर भेजने पर विचार कर रही है। कम से कम कागज का इस्तेमाल कर पर्यावरण पूरक व्यवस्था निर्माण करना और कम मानव संसाधन में काम को आगे बढ़ाने की दृष्टि से मनपा प्रशासन डॉ. अभिजीत चौधरी ने यह पहल की है। इस व्यवस्था से पर्यावरण संतुलन में मदद के साथ ही खर्च और समय की बचत होने की सूत्रों ने जानकारी दी। पंद्रहवें वित्त आयोग की निधि के लिए स्थानीय स्वराज संस्थाओं को आय में वृद्धि आवश्यक है। उसी के साथ खर्च में कटौती भी करनी होगी। संपत्ति टैक्स, जलापूर्ति टैक्स वसूली के लिए मनपा के पास मानव संसाधन की कमी है। डिमांड पहुंचाने के लिए मनपा के पास कर्मचारी नहीं है। मनपा के जोन कार्यालयों में डिमांड के बंडल पड़े रहते हैं। इस वर्ष संपत्ति टैक्स वसूली का 300 करोड़ का टार्गेट है। उसमें से राहत योजना में पहले 3 महीने में 56 करोड़ वसूल हुए। टैक्स की शेष रकम वसूल करने के लिए मानव संसाधन नहीं है। 853 रिक्त पदों की भर्ती को सरकार से मंजूरी मिली है। महावितरण के तर्ज पर जलापूर्ति टैक्स की डिमांड ओसीडब्ल्यू के माध्यम से वितरित की जा रही है। संपत्ति टैक्स की डिमांड बांटने के लिए मनपा के पास कोई व्यवस्था नहीं है। नगररचना विभाग से निर्माणकार्य पूरा होने का प्रमाणपत्र मिलने के बाद संपत्ति टैक्स विभाग से लिंक करना अनिवार्य है। उसके अलावा भी अनेक संपत्ति है। उसकी खोज बाह्यस्रोत के माध्यम से की जानी है। उसमें से मनपा की आय के सही आंकड़े सामने अाएंगे। उसके बाद ही मनपा के खर्च में बचत और आय में वृद्धि होगी।

ऑनलाइन टैक्स भरने की सुविधा

डॉ. अभिजीत चौधरी, आयुक्त तथा प्रशासक के मुताबिक जिनके मोबाइल नंबर रिकार्ड में दर्ज है, उनके मोबाइल पर टैक्स की जानकारी भेजी जाएगी। उसके साथ भेजी जाने वाली लिंक से ऑनलाइन टैक्स भरने की सुविधा उपलब्ध की गई है।

10 लाख से अधिक डिमांड

शहर में संपत्तिधारक और नल कनेक्शन ग्राहकों को 10 लाख से अधिक डिमांड बांटी जाती है। उसके अलावा नोटिस भेजे जाते हैं। इसमें कागज का बड़े पैमाने में उपयोग होता है। वाट्स-एप, ई-मेल या एसएमएस के माध्यम से डिमांड भेजने पर कागज का उपयोग नहीं होगा। समय और खर्च की भी बचत होगी।

Created On :   7 Sept 2023 7:13 PM IST

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