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Nagpur News: दो देशों की सांस्कृतिक झलक ने दिया एकता का संदेश ,अविस्मरणीय रहा दिन

- एक मंच पर भारतीय व जापानी राष्ट्रगान से राष्ट्रवंदन
- दो देशों की सांस्कृतिक व पारंपारिक कलाओं का आदान-प्रदान
Nagpur News शहर की एक स्कूल में पहुंचे जापानी अतिथियों ने दो देशों की सांस्कृतिक व पारंपारिक कलाओं का आदान-प्रदान किया। उनकी उपस्थिति ने संतरानगरी के लिए इस दिन को यादगार बना दिया। एक ही मंच पर दोनों देशों के राष्ट्रगान गाकर राष्ट्रवंदन किया गया। इस अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
भारत-जापान की सांस्कृतिक विरासत का आदान-प्रदान : शहर की आदर्श विद्या मंदिर संस्था द्वारा संचालित श्रीमती सी. बी. आदर्श विद्या मंदिर हाइस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय व जी. जी. सारडा हायर इंग्लिश स्कूल गांधीबाग में जापान के 12 विशेष अतिथियों ने भेंट दी। इस उपलक्ष्य में जापान के निहोंगो पार्टनर्स प्रोग्राम 2025 अंतर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत-जापान के सांस्कृतिक विरासत का आदान-प्रदान करना था। कार्यक्रम के माध्यम से सांस्कृतिक सद्भाव और वैश्विक सौहार्द को प्रोत्साहित किया गया। इससे भारत व जापान की संस्कृति का अनूठा संगम देखने मिला। कार्यक्रम का आयोजन जापान फाउंडेशन नई दिल्ली की आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर फाउंडेशन के महानिदेशक कोजी सातो मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रुप में जापान फाउंडेशन मुख्यालय टोक्यो के रयोसुके इतो आैर फाउंडेशन के निदेशक ताइसेइ तोयोमारू उपस्थित थें। कार्यक्रम की अध्यक्षता आदर्श विद्या मंदिर संस्था के अध्यक्ष डॉ. अनिलकुमार सारडा ने की।
एकमात्र स्कूल जहां जापानी भाषा की शिक्षा : कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना और स्वागत गीत से हुई। इसके बाद विद्यार्थियों ने जापानी गीत प्रस्तुत कर माहौल को मधुर बनाया। मुख्य अतिथि कोजी सातो ने भारत और जापान को जोड़ने वाली सांस्कृतिक समृद्धि और पारस्परिक सम्मान पर अपने विचार रखे। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. सारडा ने पाठ्यक्रम में विदेशी भाषाओं के समावेश की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आदर्श विद्या मंदिर नागपुर की एकमात्र संस्था है जिसने जापानी भाषा का पाठ्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने जापानी विद्यार्थियों के लिए भारतीय प्राच्य भाषा संस्कृत और योग शिक्षा उपलब्ध करवाने का भी आश्वासन दिया।
जापानी भाषा सीख रहे विद्यार्थियों की कार्यशाला : कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पारंपरिक, शास्त्रीय और लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां थीं। इन प्रस्तुतियों में भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली। जापानी अतिथियों ने भी इस मौके जापानी भाषा सीखने वाले विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला आयोजित कर अपनी संस्कृति, अनुभव और ज्ञान साझा किया। इस अवसर पर जापानी भाषा सलाहकार चियाकी सुजुकी सहित 12 जापानी अतिथि, संस्था के कोषाध्यक्ष ब्रिजलाल सारडा, सहसचिव दामोदरदास चांडक, सीईओ मयूर शाह, मुख्याध्यापिका डॉ. अनुराधा नागपाल, अल्पा नगरनाईक, अंजली पाठक, प्रतिभा चौधरी, जापानी भाषा अध्यापक अमेय पत्की, शिक्षकगण, शिक्षकेतर कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन चरणजीत कौर गांधी ने किया। आभार प्रदर्शन नेहा भारद्वाज ने किया। समापन अवसर पर भारतीय राष्ट्रगान और जापानी राष्ट्रगान का गायन हुआ। जिसमें दोनों देशों के साझा सांस्कृतिक दृष्टिकोण की झलक देखने को मिली।
Created On :   8 Aug 2025 3:35 PM IST