Nagpur News: इको फ्रेंडली थीम - रंगोली से बढ़ेगी घर-आंगन की रौनक, स्मार्ट व सेंसर वाले दीयों का चलन बढ़ा

इको फ्रेंडली थीम - रंगोली से बढ़ेगी घर-आंगन की रौनक, स्मार्ट व सेंसर वाले दीयों का चलन बढ़ा
  • दीपावली सजावट ने बनाया फेस्टिव मूड
  • रंगोली से बढ़ेगी घर-आंगन की रौनक

Nagpur News. इस समय नागपुर के कोने-कोने में दिवाली की रौनक है। गलियों से लेकर ऊंची इमारतों तक, हर जगह रंग-बिरंगी लाइटिंग से शहर जगमगा उठा है। दीपावली पर्व पर भारतीय संस्कृति में रंगोली बनाने की परंपरा सदियों से रही है। दिवाली का पर्व धनतेरस से शुरू हो गया है। छोटी दिवाली और मुख्य दिवाली के लिए घरों के आंगन रचनात्मक रंगोलियों, झिलमिलाते झालरों और एलईडी लाइट्स से सजाने की तैयारियां शुरू हैं। बाजारों में भी सजावट के रुझान बदल चुके हैं। पारंपरिक मिट्टी के दीयों के साथ-साथ स्मार्ट लाइटिंग, सेंसर वाले इलेक्ट्रिक दीये और इको-फ्रेंडली सजावट का चलन बढ़ा है। इस समय उत्सव का खास ‘फेस्टिव मूड’ नजर आ रहा है।

3डी सजावट से नया जोश

इस बार की दिवाली में पारंपरिक सौंदर्य के साथ आधुनिक सोच का बेहतरीन संगम देखने को मिल रहा है। कई परिवारों ने अपने घरों को ‘इको-फ्रेंडली’ थीम पर सजाया है मिट्टी के दीयों को रंगकर, पुराने बोतलों से लाइट लैंप बनाकर और फूलों की पंखुड़ियों से बनी रांगोलियां तैयार की हैं। वहीं, युवा पीढ़ी नियोन रांगोली, लाइट आर्ट और 3डी सजावट से त्योहार में नया जोश भर रही है। लोग स्वयं द्वारा बनाए सजावट के वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

रंगोली का महत्व

रांगोली का संबंध केवल सजावट से नहीं, बल्कि अतिथ्य, सौभाग्य और आशीर्वाद से भी जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि रंगोली बनाने से घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। पारंपरिक रूप से इसमें चावल का आटा, फूलों की पंखुड़ियां और प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता था, जो शुद्धता और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

नई तकनीक और आधुनिक ट्रेंड्स

आज रांगोली कला में डिजिटल पैटर्न, टेम्पलेट्स और स्टेंसिल्स का चलन बढ़ रहा है। बाजार में रेडी-टू-यूज रंगोली पाउडर, 3 डी रंगोली मोल्ड्स और स्प्रे टूल्स उपलब्ध हैं, जिनसे मिनटों में जटिल डिजाइन बनाए जा सकते हैं। कुछ कलाकार अब एलईडी लाइट रंगोली, वॉटर-बेस्ड रांगोली और ग्लो-इन-द-डार्क कलर्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे रात के समय यह और भी आकर्षक दिखाई देती है

बाजारों में हलचल

किशन शाहू, एलईडी लाइट्स विक्रेता ने बताया दिवाली का मौसम हमारे लिए सबसे व्यस्त और उत्साह से भरा त्योहार होता है। ग्राहक सजावट, लाइटिंग और मिठाइयों के लिए दुकान पर आते हैं, जिससे बाजारों में हलचल रहती है। इस बार लोग पारंपरिक दीयों के साथ-साथ आधुनिक एलईडी और क्रिएटिव सजावट पसंद कर रहे हैं। इससे न केवल बिक्री बढ़ी है। हमें भी बेहद खुशी हो रही है।

रंगोली उपकरण उपलब्ध

रंगोली विक्रेता के मुताबिक इस वर्ष कलर रंगोली की कीमत 10 से 20 रुपए में आधा किलो है, जबकि सफेद रंगोली 10 रुपए में 1 किलो मिल रही है। त्योहारों के मौसम को देखते हुए लोग जमकर रंगोली खरीद रहे हैं। रंगोली के साथ-साथ रंगोली मोल्ड्स की भी अच्छी मांग है। वर्तमान में 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक आधुनिक रंगोली बनाने के उपकरण भी बाजार में उपलब्ध हैं। डिजिटल पैटर्न, टेम्पलेट्स और स्टेंसिल्स का चलन बढ़ रहा है। बाजार में रेडी-टू-यूज रंगोली पाउडर, 3 डी रंगोली मोल्ड्स और स्प्रे टूल्स उपलब्ध हैं, जिनसे मिनटों में जटिल डिजाइन बनाए जा सकते हैं।

इको फ्रेंडली दिवाली मनाउंगी

अनुष्का गुगलीवार ने कहा कि इस वर्ष हमने इको फ्रेंडली दिवाली सेलिब्रेट करने का सोचा है। कोशिश है कि हम आस-पास के लोगों से भी इस पहल में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य बिना नेचर को नुकसान पहुंचाए दिवाली मनाना है। मैंने मिट्टी के दिए, रीयूस सामान और फ्रेश फ्लावर, हैंडमेड डेकोरेशन का उपयोग किया है।

पटाखों से रखूंगी दूरी

अनामिका जैस्वाल ने बताया कि मुझे ज्यादा शोर-शराबा पसंद नहीं है। मेरी कोशिश है कि पटाखों से दूर रहूं। घर के आंगन में मिट्टी के दीये जलाउंगी और घर की सजावट के लिए लाइटिंग के अलावा फ्रेश फ्लावर्स की रंगोली भी होगी। इस बार कुछ एनजीओ और बच्चों के साथ दिवाली मनाने के लिए सोचा है। उनके साथ मेरी खुशियां दुगुनी हो जाएंगी।


Created On :   19 Oct 2025 8:29 PM IST

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