Nagpur News: हिंदी कार्यशाला हुई संपन्न, सबको भाएगी दिवाली के मौके पर सत्येंद्र प्रसाद सिंह की ये खास रचना...

हिंदी कार्यशाला हुई संपन्न, सबको भाएगी दिवाली के मौके पर सत्येंद्र प्रसाद सिंह की ये खास रचना...

Nagpur News. विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) में शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय था — “राजभाषा हिंदी में अनुवाद के सिद्धांत और नीति: व्यावहारिक एवं सरल तरीके।” यह कार्यक्रम संस्थान के सीनेट हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में वीएनआईटी के कर्मी उपस्थित रहे।

मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अनवर अहमद सिद्दीकी, वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर, अनुवाद अध्ययन विभाग, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा ने मार्गदर्शन दिया। उन्होंने अनुवाद के सिद्धांतों, नीति निर्धारण तथा व्यावहारिक उदाहरणों के माध्यम से हिंदी के प्रभावी उपयोग पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के प्रभारी निदेशक प्रो. ज्ञानप्रकाश सिंह ने की। उन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत पौधा, स्मृति चिन्ह और पुस्तक देकर किया।

इस अवसर पर कुलसचिव एवं हिंदी कार्यान्वयन समिति के नोडल अधिकारी सचिन जगदाले, विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) हिंदी सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. प्रकाश कुलकर्णी और डॉ. किशोर जोगलेकर भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. भारती पोलके (कार्यकारी सचिव, हिंदी समिति) ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सुश्री अर्चना तिवारी ने प्रस्तुत किया।

अतिथि वक्ता का परिचय श्रीमती समीक्षा अलट ने कराया।

इस कार्यशाला के आयोजन में डॉ. आशीष प्रधाने, राकेश विश्वकर्मा, पूनम उईके और अन्य समिति सदस्यों का सक्रिय सहयोग रहा।

कार्यक्रम का समापन उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ।


इसके अलावा सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने दिवाली के मौके पर रचना पेश की, जिसका शिर्षक है "यह दिवाली, खुशियों वाली"

ये जो इस बार 2025 की दिवाली है

बहुत ही खुशगवार और निराली है

खूब मज़बूत हो आपसी प्यार और भरोसा

उसी से ज़िंदगी में रौनक और खुशहाली है

प्रदूषण और पटाखों का असहनीय शोर

करे है सांसों की डोर को कमज़ोर

टा - टा बाय बाय कहो उसको नो मोर

फ़िर, चिंता की दरकार ही क्या हमें

हर तरफ़ दिखे सुकून और हरियाली है

आओ, इस दिवाली छोड़ें हंसी की फुलझडियां

और, ख़ुशी - ख़ुशी उड़ाएं ठहाकों के पटाखे

देश में अपने उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम

हर जुबान पर प्यार मुहब्बत की बोली हो

हर दरवाज़े आंगन - चौराहे,शाम - सहर

खुशियों की चमकती रंगोली हो !!


Created On :   19 Oct 2025 8:11 PM IST

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