Nagpur News: फोरेंसिक लैब ने तोड़ा सपना, सेंट्रल जेल के लिए फिर देखी नई जमीन - बढ़ेगा अतिरिक्त खर्च

फोरेंसिक लैब ने तोड़ा सपना, सेंट्रल जेल के लिए फिर देखी नई जमीन - बढ़ेगा अतिरिक्त खर्च
  • सातनवरी में स्थानांतरण से होगी परेशानी
  • बढ़ेगा अतिरिक्त खर्च
  • नागपुर-अमरावती रोड पर 400 एकड़ सरकारी जगह की चर्चा

Nagpur News. नागपुर सेंट्रल जेल को स्थानांतरित किए जाने की कवायद शुरू है। मौजूदा सेंट्रल जेल की जमीन पर मल्टीनेशनल हब बनाया जा सकता है। कुछ समय पहले केंद्र की ओर से एक कद्दावर नेता ने बड़ा बयान दिया था। नागपुर में जेल के लिए जगह की तलाश जारी है, लेकिन अभी तक कोई उपयुक्त जगह नहीं मिल पाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब नागपुर-अमरावती रोड पर राज्य शासन की करीब 400 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित जेल को साकार करने की जानकारी सामने आ रही है। प्राथमिक स्तर पर इस जमीन को देखने का कार्य पूरा किया जा चुका है। हालांकि जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार इस जमीन का निरीक्षण करने के लिए एक टीम गई थी। बाकी कानूनी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में जेल प्रशासन द्वारा पहल जारी है। हालांकि इस बारे में नागपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक वैभव आगे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

जेल के लिए देखी गई जगहें

बाबुलखेडा : 200 एकड़ जमीन का चयन किया गया था, जिसमें से 150 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के पास पहले से ही आरक्षित थी। जेल प्रशासन द्वारा बाबुलखेड़ा-चिंचोली में पहले की योजना के अनुसार, 150 एकड़ जमीन पर जेल के बैरक, कार्यालय और कारखाने बनाए जाने थे, जबकि 50 एकड़ जमीन जाे कि बाबुलखेडा के पास चिंचोली की 50 एकड़ जमीन पर केंद्र सरकार का नया प्रोजेक्ट राष्ट्रीय फारेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के उप केंद्र को शुरू करने के लिए आधारशिला रख दी गई है। इससे अब इस इलाके में प्रस्तावित सेंट्रल जेल बनाने का सपना पूरा नहीं हो सका। यहां 200 एकड़ में से 150 एकड़ में सेंट्रल जेल, कैदियों के लिए खेती, कारखाने सहित अन्य निर्माण कार्य शुरू किए जाने वाले थे। 200 एकड़ में से शेष बचे 50 एकड़ में जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों के क्वार्टर बनाए जाने की योजना थी। हालांकि, अब यह योजना पूरी नहीं हो सकती है, क्योंकि चिंचोली में अब 50 एकड़ जगह पर राष्ट्रीय फारेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के उपकेंद्र की नींव रखी जा चुकी है।

नए विकल्प की संभावना

सेंट्रल जेल की एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अब नागपुर-अमरावती रोड पर स्थित सातनवरी गांव के पास राज्य शासन की लगभग 400 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित सेंट्रल जेल बनाने की संभावना है। जेल विभाग और जिलाधीश कार्यालय के अधिकारियों ने इस स्थल का कुछ दिन पूर्व ही निरीक्षण किया है और इसे उपयुक्त पाया है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। संभवत: जल्द ही जेल विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक हो सकती है।

अब आगे क्या?

जेल प्रशासन और संबंधित अधिकारी सातनवरी गांव के पास की जमीन पर विचार कर रहे हैं। यदि यह जमीन उपयुक्त पाई जाती है, तो जल्द ही प्रस्तावित जेल के निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा। बाबुलखेडा में सरकार की करीब 150 एकड़ जगह थी। इससे लगकर 50 एकड़ जगह किसी निजी व्यक्ति की थी। जेल प्रशासन का सपना था कि निजी व्यक्ति की 50 एकड़ जगह खरीदकर कुल 200 एकड़ पर प्रस्तावित जेल का काम शुरू किया जा सकता है। इसके लिए जिलाधीश से लेकर जेल अधीक्षक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन जब यह बात पता चली कि उस 150 एकड़ जगह पहले ही केंद्र सरकार के लिए प्रस्तावित है। तब यह भी मौका चला गया।

केंद्र सरकार के लिए पहले से थी प्रस्तावित

खापरखेडा थानांतर्गत बाबुलखेड़ा-चिंचोली गांव के पास 200 एकड़ जमीन पर विचार किया गया था, जिसमें बाबुलखेड़ा में 150 एकड़ और चिंचोली परिसर की 50 एकड़ इस तरह कुल मिलाकर करीब 200 एकड़ जमीन की खरीदी राज्य सरकार करने वाली थी, लेकिन बाबुलखेड़ा में पहले से ही 150 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के लिए आरक्षित थी, शायद इस बारे में स्थानीय और जेल प्रशासन के अधिकारियों को पहले से मालूमात नहीं थी। नई प्रस्तावित जेल के लिए बाबुलखेड़ा- चिंचोली में देखी गई इस जगह पर अब राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) गांधीनगर, गुजरात का एक उप-केंद्र कामठी तहसील के अंतर्गत चिचोली में 50 एकड़ जमीन पर स्थापित होने जा रहा है।

Created On :   6 July 2025 7:43 PM IST

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