Nagpur News: कलेक्टोरेट की शान सेतु अब इतिहास, जेेसीबी से ढहा दी गई बहुमंजिला इमारत

कलेक्टोरेट की शान सेतु अब इतिहास, जेेसीबी से ढहा दी गई बहुमंजिला इमारत
  • धूल, मिट्टी न उड़े इसलिए पानी की बौछार
  • सभी सामग्री व डेटा सुरक्षित

Nagpur News. कलेक्टोरेट की शान समझे जाने वाली सेतु इमारत को शनिवार को जेसीबी से तोड़ दिया गया। यह बहुमंजिला इमारत ढहने के साथ ही इतिहास बन गई है। विद्यार्थियों व उम्मीदवारों को जाति, आय, निवासी व राष्ट्रीय प्रमाणपत्र मिलने में होने वाली परेशानी को दूर करने के लिए सेतु कार्यालय तैयार किया गया था। वाहन पार्किंग की जगह शिफ्ट की गई है।

कागजातों का पूरा ब्योरा मिलता था : सेतु कार्यालय जब शुरू हुआ था, तब विद्यार्थी व उम्मीदवार यहां आवेदन करके अपने प्रमाण-पत्र ले जाया करते थे। लोगों को कलेक्टोरेट तक आने-जाने की जरूरत न पड़े, इसलिए सरकार ने जगह-जगह आपले सरकार सेवा केंद्र शुरू किए। सेवा केंद्र से ऑनलाइन आवेदन सेतु कार्यालय पहुंचते थे आैर यहीं से प्रमाणपत्र के लिए आगे की जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाती थी। आवेदन प्राप्त होने से लेकर प्रमाण-पत्र जारी होने तक का सारा रिकार्ड व डेटा सेतु कार्यालय के में दर्ज होता था। प्रमाणपत्र किस स्टेज मंे है आैर किस अधिकारी के पास है, इसका ऑनलाइन रिकार्ड भी सेतु कार्यालय में होता था। सेतु कार्यालय में प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन पहुंचने के बाद तय समय में उसका निपटारा करना होता था।

सभी सामग्री व डेटा सुरक्षित

शनिवार को जेसीबी से सेतु कार्यालय की मजबूत इमारत तोड़ दी गई। हालांकि इसके पूर्व ही यहां से रिकार्ड व डेटा शिफ्ट कर लिया गया। सेतु कार्यालय का काम अब परिसर में स्थित एक छोटे कार्यालय से चल रहा है। सेतु कार्यालय की इमारतों में लगी ग्रील, खिड़कियां व दरवाजे पहले ही सुरक्षित निकाल लिए गए हैं। इसके पूर्व इन इमारतों में रखे दस्तावेज, कम्प्यूटर, फर्निचर, टेबल-कुर्सियां, अभिलेख आैर डेटा सुरक्षित बाहर निकाला गया।

धूल, मिट्टी न उड़े इसलिए पानी की बौछार

इमारत को तोड़ने के दौरान परिसर में धूल, मिट्टी न उड़े इसलिए इमारत को पानी मार-मारकर तोड़ा गया। जेसीबी के माध्यम से ही इमारत पर पानी की बौछार की जाती थी आैर जेसीबी के पंजे से इमारत को तोड़ा जाता था। कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए पूरी एहतियात बरती गई। इमारत के बगल में रस्सी लगाकर घेरा तैयार किया गया। तोड़ने के दौरान इस घेरे में किसी को भी जाने की मनाही थी।

Created On :   2 March 2025 7:35 PM IST

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