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Nagpur News: खासदार सांस्कृतिक महोत्सव का शानदार आगाज , हमारे राम का हुआ दीदार

Nagpur News मानव जीवन का मूल तत्व ‘आनंद’ है। इस आनंद का प्रकटीकरण तब संभव होता है, जब जीवन में अध्यात्म और संस्कृति का संगम होता है। इसी भावना को साकार करने के उद्देश्य से शुक्रवार को हनुमान नगर स्थित ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के मैदान में ‘खासदार सांस्कृतिक महोत्सव 2025’ का शुभारंभ हुआ। ‘वंदे मातरम्’ के सामूहिक गायन से महोत्सव की शुरुआत हुई। सैकड़ों दर्शकों ने खड़े होकर गीत में भाग लिया और वातावरण ‘भारत माता की जय' के नारों से गूंज उठा। उसके बाद ‘हमारे राम’ नाट्यकृति का मंचन हुआ। इससे पूरा माहौल राममय हो गया।
उत्सव से मिलता है आनंद : उद्घाटन के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष एवं आध्यात्मिक गुरु स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने कहा कि आज के तनावपूर्ण जीवन में उत्सव ही वह माध्यम है, जो लोगों के भीतर आनंद को पुनः जागृत करते हैं। ऐसे आयोजन भारतीय संस्कृति को जीवंत रखते हैं और समाज में सकारात्मकता का संचार करते हैं। सभी सांसदों को नितीन गडकरी से प्रेरणा लेकर ऐसे सांस्कृतिक महोत्सवों का आयोजन करना चाहिए, जिससे समाज में एकता और संस्कृति के प्रति गर्व की भावना पनपे। उन्होंने पश्चिमी देशों की अंधानुकरण प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत की आत्मा उसकी संस्कृति में बसती है, इसलिए ऐसे महोत्सव देश को आत्मबल प्रदान करते हैं।
मंत्रमुग्ध हुए दर्शक : महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर प्रदर्शित सुप्रसिद्ध नाट्यकृति ‘हमारे राम’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गौरव भारद्वाज के निर्देशन में मंचित इस नाटक का यह 341वां सफल प्रयोग रहा। भगवान श्रीराम की भूमिका में राहुल भूचर, रावण की भूमिका में आशुतोष राणा, सीता के रूप में हरलीन कौर रेखी, हनुमान के रूप में दानिश अख्तर, लक्ष्मण के रूप में भानु प्रताप सिंह, वाल्मीकि के रूप में सचिन जोशी और सूर्यदेव के रूप में करण शर्मा ने उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों का मन जीत लिया।
जीवंत हुआ रामायणकाल : आशुतोष राणा द्वारा प्रस्तुत ‘शिव तांडव स्तोत्र’ ने वातावरण को भक्ति से भर दिया। नाटक भगवान सूर्य के दृष्टिकोण से रामायण की अदृश्य भावनाओं को उजागर करता है। राम-सीता के प्रेम, अग्नि परीक्षा, रावण-वध और शूर्पणखा की कथा को नए दृष्टिकोण से दर्शाता है। रावण के चरित्र में ज्ञान और दर्शन का संगम दिखाया गया, जबकि आधुनिक तकनीक, साउंड इफेक्ट और भव्य परिधान ने प्रस्तुति को और प्रभावशाली बना दिया। इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन दर्शन, त्याग और आदर्शों को जीवंत किया गया।
इनकी रही उपस्थिति : कार्यक्रम में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, राज्यमंत्री आशीष जैसवाल, पूर्व सांसद दत्ता मेघे, हेमंत कसबेकर, दयाशंकर तिवारी, प्रताप अडसड, जयप्रकाश गुप्ता, अशोक मानकर, अजय संचेती, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजेश लोया तथा महोत्सव समिति के सभी पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रास्ताविक भाषण अनिल सोले ने दिया, जिसमें उन्होंने खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के अंतर्गत आयोजित होने वाले विविध कार्यक्रमों और उपक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन बाल कुलकर्णी ने किया।
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आज के कार्यक्रम : महोत्सव में आज शनिवार को शाम 6.30 बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विशेष उपस्थिति रहेगी। उसके बाद प्रसिद्ध गायक विशाल मिश्रा का लाइव कॉन्सर्ट आयोजित होगा। सुबह 7 से 8.30 बजे तक ‘श्रीमद् भगवद् गीता पठन' के साथ जागर भक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ होगा।
21वीं सदी भारत की है : खासदार सांस्कृतिक महोत्सव का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में प्रबोधन, प्रशिक्षण और संस्कार का प्रसार है। यह त्रिसूत्री एक आदर्श समाज निर्माण की नींव है। 21वीं सदी भारत की सदी है और हमें शिक्षा एवं संस्कार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा। महोत्सव के माध्यम से भारतीय कला, संस्कृति और व्यक्तित्वों को सम्मान देना एक ‘संस्कार यज्ञ’ के समान है। - केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी
अध्यात्म की अभिव्यक्ति : संस्कृति ही वह माध्यम है, जिससे अध्यात्म की अभिव्यक्ति होती है। नागपुर में सुबह भगवद्गीता पाठ और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम यह अनोखा संगम देश में केवल यहीं देखने को मिलता है। भगवान श्रीराम केवल धर्मज्ञ ही नहीं, बल्कि कला और नाट्य विद्या के भी पारंगत थे। महोत्सव की निरंतर सफलता के लिए शुभकामनाएं। - पद्मश्री डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी
Created On :   8 Nov 2025 4:22 PM IST














