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Nagpur News: प्रस्तावित वलनी कोयला खदान का हो रहा विरोध, आदेश निरस्त करने की मांग

- कोयला खदान का विरोध करने वालों ने विविध तर्क दिए
- खुली काेयला खदान का विरोध बढ़ रहा
Nagpur News. कलमेश्वर तहसील में प्रस्तावित वलनी खुली काेयला खदान का विरोध बढ़ रहा है। विरोध करने वालों में स्थानीय विधायक, नेता, पर्यावरण प्रेमी समेत स्थानीय नागरिकाें का समावेश है। 10 सितंबर को जनसुनवाई निर्धारित है। कोयला खदान के लिए 1562 हे. जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रतिवर्ष 10 लाख टन कोयला उत्खनन का नियोजन है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार अंबुजा सीमेंट लिमिटेड प्रस्तावित खदान का विकास करेगी। खदान से कलमेश्वर तहसील के वलनी, गोवारी, सिंदी, खैरी, टोंडाखैरी, खंडाला, बोरगांव खुर्द, बेलोरी, झुनकी, पारडी आदि गांव प्रभावित होंगे।
विरोध का तर्क
कोयला खदान का विरोध करने वालों ने विविध तर्क दिए हैं। वायु व जल प्रदूषण, जलस्रोत को खतरा, शैक्षणिक संस्थाओं का अस्तित्व खतरे में पड़ने का हवाला दिया है। बता दें कि खदान क्षेत्र में 20 से अधिक शैक्षणिक संस्थान हैं। उन संस्थानों में 20 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। परिसर में प्रदूषण बढ़ने पर विद्यार्थियों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाएगा। उसे देखते हुए शैक्षणिक संस्थाएं बंद कर दी जाएंगी। उसके अलावा परिसर में अनेक ऐतिहासिक तीर्थस्थल, मंदिर, नदियां हैं। खदान के प्रदूषण से उन्हें भी नुकसान होने का खतरा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल से शिकायतें कर परियोजना को दिया गया आदेश निरस्त करने की मांग की गई है।
जनसुनवाई दिखावा
ईशान गाेयल, सामाजिक कार्यकर्ता के मुताबिक राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 में साफ किया है कि खनिजों सहित प्राकृतिक संसाधन एक साझा विरासत है। नागरिकों की ओर से राज्य एक संरक्षक है। इसमें जनता को खनिजों का मालिक बताया गया है। सरकार संरक्षक की भूमिका में है। खदान अंबुजा सीमेंट को लीज पर देने से पहले जनसुनवाई होना अपेक्षित था।
Created On :   1 Sept 2025 6:48 PM IST