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Nagpur News: वक्फ की महाराष्ट्र में 23566 संपत्ति, आधे पर कब्जा

- कानून में संशोधन से आम मुसलमानों को फायदा
- अनेक संपत्तियों को वक्फ पदाधिकारियों ने परस्पर बेचा
Nagpur News वक्फ कानून को लेकर विरोधी पार्टियां और मुस्लिम संगठनों द्वारा किए जा रहे विरोध को भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने देश और समाज को गुमराह करने वाला बताया है। उन्होंने दावा किया कि वक्फ कानून में संशोधन से आम मुसलमानों को ही फायदा होगा। अब तक इसमें सिर्फ उच्च वर्ग के मुसलमान ही सदस्य बनते थे। अब पसमांदा मुस्लिम तथा महिलाओं को भी स्थान मिलेगा। महाराष्ट्र में वक्फ के पास 23 हजार 566 संपत्तियां होने का दावा करते हुए सिद्दीकी ने कहा कि इसमें से 50 प्रतिशत संपत्तियों पर अवैध कब्जा है। नागपुर में सतरंजीपुरा स्थित बड़ी मस्जिद की जमीन परस्पर बेच दी गई। नाशिक, मुंबई में बड़े घोटाले हुुए। 2013 में वक्फ कानून में सेक्शन-40 और वक्फ फॉर यूजर जोड़ने से इसका दुरुपयोग हो रहा था। कोई भी जमीन पर दावा कर उसे हड़पा जा रहा था, किन्तु केंद्र सरकार ने इस कानून में संशोधन कर न्याय करने का काम किया है। अब म्यूटेशन के अधिकार वक्फ बोर्ड के पास नहीं होंगे। अन्य संपत्तियों की तरह ही अब वक्फ संपत्ति के म्यूटेशन के लिए भी जिलाधिकारी के पास जाना होगा।
ऑडिट करना अनिवार्य : सिद्दीकी ने बुधवार को दैनिक भास्कर कार्यालय में भेंट दी। इस दौरान संपादकीय सहयोगियों के साथ अनौपचारिक चर्चा में सिद्दीकी ने कहा कि 2013 में वक्फ बोर्ड के पास सिर्फ 4 लाख संपत्तियां थीं। 2013 में कानून में संशोधन करने के बाद 10 साल में संपत्तियां 10 लाख तक पहुंच गईं। इन संपत्तियों के मुताबिक, एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व वक्फ को मिलना चाहिए था, लेकिन सिर्फ 160 करोड़ रुपए राजस्व मिल रहा था। बाकी पैसा कौन खा रहा था। विशेष यह कि अब बाजार दर अनुसार किराया होगा, जो पहले नहीं था। जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, उन्होंने कभी इसकी चिंता नहीं की। संशोधन के बाद अब इसका ऑडिट करना अनिवार्य हो गया है।
किसी ने विरोध नहीं किया : सिद्दीकी ने कहा कि मस्जिद, मदरसा की जमीन लेने का आरोप सिर्फ अफवाह है। अगर किसी जमीन पर विवाद चल रहा है, तो अब कोर्ट जाना होगा। पहले यह मामले ट्रिब्यूनल में निपटाए जाते थे। उसे सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती थी। अब िकसी भी कोर्ट में उसे चुनौती दी जा सकेगी। नए संशोधन से अब बोहरा समाज भी अपना बोर्ड बना सकेंगे। वक्फ बोर्ड का काम धार्मिक कार्य करना नहीं है। उसका काम निगरानी करना है। इसलिए गैर-मुस्लिमों का विरोध बेकार है। अल्पसंख्यक मंत्री जो रहेगा, वह वक्फ बोर्ड का चेयरमैन भी होगा। स्मृति ईरानी चेयरमैन थीं। वह हिंदू थीं। किसी ने विरोध नहीं किया। नए संशोधन से वक्फ के कार्यों में पारदर्शिता आएगी। इसका मस्जिद, मदरसा से कोई संबंध नहीं है। भारत में ही इसे बोर्ड चला रहा है। अन्य देशों में इसे सरकार चलाती हैं। इसकी अलग से व्यवस्था की क्या जरूरत है।
देशभर में शुरू है अभियान : सिद्दीकी ने बताया कि 10 अप्रैल से देशभर में वक्फ कानून को लेकर जनजागरण शुरू किया गया है। राष्ट्रीय महामंत्री राधामोहन अग्रवाल इसका नेतृत्व कर रहे हैं। टीम में सिद्धीकी के अलावा ए. के. एंटोनी के बेटे, दुष्यंत गौतम आदि शामिल हैं। सबके पास 8-8 राज्य दिए गए हैं। इसके बाद राज्यों की टीम बनी है।
मुसलमानों को सोचने का अवसर : भाजपा नेता सिद्धीकी ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमला उन मुसलमानों के लिए सोचने का अवसर है, जो अभी भी पाकिस्तान से जुड़ना चाहते हैं। ये मोदी की सफलता है, जो जम्मू-कश्मीर कभी विरोध में होता था, वहां की जनता और विधानसभा ने सरकार के साथ एकजुटता दिखाई है। पाकिस्तान कर भारत में पत्नी लाने वालों को नागरिकता लेने का विकल्प था। लेकिन उन्होंने नागरिकता नहीं ली।
Created On : 2 May 2025 1:13 PM IST