Nagpur News: डागा हास्पिटल में पोलियो वैक्सीन की कमी, कई नवजात डोज से वंचित

डागा हास्पिटल में पोलियो वैक्सीन की कमी, कई नवजात डोज से वंचित
  • परिचारिकाओं पर टीकाकरण और डाटा एंट्री का बोझ
  • पत्र व्यवहार के बाद भी मनपा ने नहीं उठाया ठोस कदम

Nagpur News प्रसूति सेवाओं के लिए प्रसिद्ध शासकीय डागा अस्पताल में इन दिनों पोलियो वैक्सीन की कमी का संकट उत्पन्न हो गया है। वैक्सीन की कमी के कारण नवजात शिशुओं का टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। 22-23 अगस्त को अस्पताल में जन्मे किसी भी नवजात शिशु को पोलियो की डोज नहीं दी जा सकी। इस कारण 50 से अधिक बच्चों को वेटिंग लिस्ट में डालना पड़ा है। वहीं डाटा एंट्री आपरेटरों की कमी के चलते परिचारिकाओं को यह काम करना पड़ रहा है।

ऑनलाइन रिकॉर्ड भी बाधित : सूत्रों के अनुसार, इन दिनों ऑनलाइन रिकॉर्ड भी नहीं भरे जा सके। जिस सिस्टम से डाटा एंट्री की जाती है, उसका केबल क्षतिग्रस्त होने के कारण चार दिनों तक ऑनलाइन एंट्री पूरी तरह ठप रही और केवल रजिस्टर में ही रिकॉर्ड दर्ज किए गए।

मनपा की अनदेखी : अस्पताल में वैक्सीन देने का जिम्मा महज तीन परिचारिकाओं पर है। सामान्यतः एक परिचारिका रोजाना 100 बच्चों को टीका लगा सकती हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में उन्हें 150 वैक्सीन (महिलाओं सहित) देनी पड़ रही है। इसके अलावा इन्हीं परिचारिकाओं को डाटा एंट्री का काम भी करना पड़ रहा है। तीन साल पहले मनपा की ओर से कॉन्ट्रैक्ट पर डेटा एंट्री के कर्मचारी दिए गए थे, लेकिन अब वे हटा दिए गए। पिछले एक साल से डागा प्रशासन पत्र-व्यवहार कर रहा है, परंतु मनपा की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

परिजनों में चिंता : नवजात के परिजनों में इस स्थिति को लेकर गहरी चिंता है। कई माता-पिता का कहना है कि डिस्चार्ज होने के बाद भी उनके शिशु को पोलियो की डोज़ नहीं मिल पाई। यह शासकीय अस्पताल की गंभीर लापरवाही है। यदि यहां समय पर टीका नहीं मिलेगा तो आम नागरिक कहां जाए?”

वैक्सीन सप्लाई में कमी : शुक्रवार और शनिवार को पोलियो वैक्सीन का स्टॉक बेहद सीमित था। इस बीच अस्पताल ने 2000 वैक्सीन की मांग की थी, लेकिन केवल 200 ही उपलब्ध कराई गईं। हमने उन्हीं बच्चों को पहले वैक्सीन दी, जिन्हें तुरंत ज़रूरत थी। नवजात शिशुओं को जन्म के 15 दिनों के भीतर यह डोज़ दी जा सकती है, इसलिए उन्हें वेटिंग पर रखा गया है। जैसे-जैसे स्टॉक उपलब्ध होगा, सभी बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी। किसी भी शिशु को बिना वैक्सीन के नहीं छोड़ा जाएगा। - प्रवीण नवखरे, एडमिन प्रमुख, डागा अस्पताल

नवजात शिशुओं का टीकाकरण बेहद ज़िम्मेदारी का काम है। हमारे पास केवल तीन परिचारिकाएं हैं, जो मां और बच्चों दोनों का टीकाकरण करती हैं। ऊपर से डाटा एंट्री का बोझ भी उन्हीं पर है। कई बार पत्र व्यवहार करने के बावजूद हमें मदद नहीं मिली। यदि डाटा एंट्री के लिए कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएं तो हम आसानी से अपना काम कर पाएंगे। - रजनी लोखंडे, परिचारिका


Created On :   28 Aug 2025 2:01 PM IST

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