Nagpur News: नागपुर के मनोचिकित्सालय में निखर रही मनोरोगियों की प्रतिभा

नागपुर के मनोचिकित्सालय में निखर रही मनोरोगियों की प्रतिभा
दीपावली के लिए बनाएं दीपों को मिल रहा प्रतिसाद

Nagpur News नागपुर में स्थित शासकीय मनोचिकित्सालय में न सिर्फ मनोरोगियों का उपचार कर उन्हें स्वस्थ किया जाता है, बल्कि उनके भीतर की प्रतिभा भी निखारी जाती है। इस साल दीपावली के अवसर पर मनाेरोगियों द्वारा अपने हाथों से मिट्‌टी के दीये तैयार किये गए हैं। इन दीपों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए गए है। इसे भारी प्रतिसाद मिल रहा है। इससे जमा होनेवाले पैसे मनोरोगियों को दिये जाएंगे, ताकि उनमें काम कर जीवन गुजारने का आत्मविश्वास पैदा हो सके।

स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय परिसर में लगेगा स्टॉल : दिवाली पर्व के उपलक्ष्य में प्रादेशिक मनोचिकित्सालय नागपुर में ‘उड़ान’ परियोजना के तहत उपचार ले रहे एवं स्वस्थ हो चुके मनाेरोगियों द्वारा मिट्‌टी के दीये बनाए गए हैं। दीये निर्माण के बाद उनकी पेंटिंग की गई। अब इन दीयों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए गए हैं। इस साल मरीजों ने कुल 1700 दीये तैयार किए हैं। अब तक 1130 दीयों की बिक्री हो चुकी है। जिससे ₹11300 का राजस्व प्राप्त हुआ है। दीये बेचने से प्राप्त राशि में से मरीजों को उनके कार्य का उचित पारिश्रमिक भी दिया जा रहा है। 9 और 10 अक्टूबर 2025 को जिल्हा अस्पताल मानकापुर में स्टॉल लगाया गया था। स्टॉल को नागरिकों और अस्पताल कर्मचारियों से भारी प्रतिसाद मिला। 15 व 16 अक्टूबर को स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय परिसर और 17 अक्टूबर को डागा अस्पताल परिसर में स्टॉल लगाया जाएगा। बताया गया कि यहां पर दीये की कीमत बाजार मूल्य से कम है।

मनोरोगियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य : मनोरोगियों को अात्मनिर्भर बनाने की पहल मनोरुग्णालय में संचालित डे-केयर केंद्र ‘उड़ान’ द्वारा की गई है। यहां मानसिक रूप से स्वस्थ हो रहे मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से काम किया जाता है। मनोरोगियों के भीतर छिपी प्रतिभा को निखारने व उन्हें कौशल आधारित प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम चलाए जाते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सिलाई, झाडू बनाना, हेंडलूम सोफा कवर, डोरमैट, तोरण, बुटीक ज्वेलरी, दिये बनाना, द्रोण पत्रावली प्रशिक्षण और कृषि प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां शामिल है।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य मानसिक रोगियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना, समाज में उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना और उन्हें नियमित कार्यों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है। इससे न केवल मरीजों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है बल्कि समाज में मानसिक रोगियों के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव भी आता है। मनोचिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश हुमने के मार्गदर्शन में व्यावसायिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. रीना खुरपुड़ी, उड़ान परियोजना की डे-केयर समन्वयक प्रिया सोनवणे और हाफ वे होम टीम के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।


Created On :   14 Oct 2025 3:13 PM IST

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