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पहल: नागपुर का एक्सेलेंस सेंटर बनाएगा पर्यावरण पूरक पटाखे, उद्योगों को सीएसआईआर-नीरी दिखाएगा नई राह

- एआई व एमएल से विकसित किए जाएंगे
- हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम
Nagpur News. सीएसआईआर-नीरी ने एक नेशनल एक्सेलेंस सेंटर बनाया है। इस सेंटर को खास कर पर्यावरण पूरक पटाखे बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह सेंटर देशभर के पटाखा उद्योगों को हरित पटाखों की दिशा देगा, जिससे आने वाले समय मेें पटाखों से पर्यावरण पर दुष्परिणाम जैसे संकट से बचा जा सकेगा। हवा में प्रदूषण रोकथाम में मदद मिलेगी। सीएसआईआर के महानिदेशक व डीएसआईआर के सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी ने केंद्र का उद्घाटन किया। इस केंद्र का नाम नेशनल सेंटर ऑफ एक्सेलेंस ऑन ग्रीन फायर क्रैकर्स (एनसीओईजीएफ) रखा गया है।
हवा में प्रदूषण बड़ी समस्या
सेंटर के उद्घाटन अवसर पर डॉ. कलैसेल्वी ने कहा कि, दिवाली और पटाखे भारतीय परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वर्तमान में पटाखे से पर्यावरण को नुकसान व हवा में प्रदूषण बड़ी समस्या बनी है, इसलिए भविष्य के लिए ग्रीन क्रैकर्स का विकल्प तैयार करना महत्वपूर्ण है। ग्रीन क्रैकर्स के विकास से न केवल पर्यावरण हित में काम होगा, बल्कि शिवाकासी जैसे क्षेत्रों में लाखों लोगों की आजीविका भी सुरक्षित होगी, जहां 80 फीसदी से अधिक लोग पटाखा उद्योग पर निर्भर हैं।
एआई व एमएल से विकसित किए जाएंगे
उन्होंने बताया कि, सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में ग्रीन फायर क्रैकर्स के अनिवार्य प्रमाणीकरण का निर्देश दिया है। समस्या को देखते हुए सीएसआईआर-नीरी की (एनसीओईजीएफ) दिशा में पहल बड़ा कदम है। यह कदम देशभर में सुरक्षित, किफायती और पर्यावरण अनुकूल पटाखों के विकास को गति देगा। इस सेंटर के माध्यम से वैज्ञानिकों द्वारा पर्यावरण पूरक पटाखों के 6 विषयों पर लक्ष्य केंद्रित किया जाने वाला है। विविध त्योहारों की जरूरतों के अनुरूप फायर क्रैकर डिजाइन किए जाएंगे। एआई व एमएल की मदद से प्रोग्रामेबल ग्रीन फायर क्रैकर्स विकसित किए जाएंगे।
हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम
देश के कराईकुड़ी स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीईसीआरआई) में ग्रीन फायर क्रैकर्स के लिए एक्सेंलेंस सेंटर का वर्चुअल शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से नीरी के निदेशक डॉ. एस. वेंकट मोहन, सीईसीआरआई के निदेशक डॉ. के. रमेशा, सीएलआरआई के निदेशक डॉ. पी. थनिकैवेलन, सीएलआरआई के पूर्व निदेशक डॉ. के. जे. श्रीराम समेत बड़ी संख्या में वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी शामिल थे। डॉ. एस. वेंकट मोहन ने कहा कि, ग्रीन फायर क्रैकर्स के विकास मंत्रालय, उद्योग जगत और हितधारकों के सहयोग से नीरी ने विविध स्तरों पर शोध किया है। उन्होंने कहा कि, नया एक्सेलेंस सेंटर में हब-एंड-स्पोक मॉडल पर काम करेंगे। जिससे तकनीक प्रसार, उद्योग सहयोग और शोध कार्यों में तेजी आएगी। कार्यक्रम में डॉ. कलैसेल्वी ने सेंटर के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किए। सभी अनुसंधान और प्रमाणीकरण कार्य इन्हीं मानकों के अनुसार किए जाएंगे। मुख्य वैज्ञानिक डॉ. आर. जे. कृपादम ने ग्रीन फायर क्रैकर शोध यात्रा जानकारी दी। चेन्नई के डॉ. आलोक पॉल ने कार्यक्रम का संचालन और डॉ. आर. शिवकुमार ने उपस्थितों के प्रति आभार व्यक्त किया।
Created On :   5 Dec 2025 6:45 PM IST













