Nagpur News: शुरू हुआ विंटर माइग्रेशन, नागपुर में विदेशी पक्षियों की दस्तक

शुरू हुआ विंटर माइग्रेशन, नागपुर में विदेशी पक्षियों की दस्तक
रेड क्रिस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, शॉवेलर नेदी दस्तक

Nagpur News गुलाबी ठंड के साथ नागपुर के तालाबों पर विदेशी पक्षियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक पूरी संख्या में पक्षी नहीं आये हैं। लेकिन अंबाझरी, गोरेवाड़ा से लेकर शहर विभिन्न तालाबों पर रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, नॉर्दन पीन्टल, शॉवेलर, कॉटन पिग्मी गीज जैसे विदेशी पक्षी देखने मिल रहे हैं।

गुलाबी ठंड शुरू होते ही नागपुर के तालाब रंग-बिरंगे हो उठते हैं। साइबेरिया, मंगोलिया और रूस से 4,500 किलोमीटर लंबा सफर तय कर रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, नॉर्दर्न पिन्टेल, नॉर्दर्न शॉवेलर, कॉमन पोचार्ड, टफ्टेड डक, गार्गनी, गाडवाल और ब्राह्मणी डक जैसे खूबसूरत विदेशी पक्षी नागपुर के अंबाझरी, गोरेवाड़ा, दुधा, सायकी, पारडीगांव व उंदरी तालाबों पर पहुचते हैं। हर साल नवंबर के अंत तक ये मेहमान बड़ी संख्या में आ जाते थे, लेकिन इस बार दिसंबर शुरू होने के बाद भी इनकी तादाद अभी कम है। पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि धीरे-धीरे संख्या बढ़ेगी और फरवरी के दूसरे-तीसरे सप्ताह तक ये पक्षी यहां दिखते रहेंगे।

कहां से आते हैं ये :-

ये सभी प्रजातियाँ साइबेरिया, मंगोलिया, रूस और मध्य एशिया के ऊँचे अक्षांशों से आती हैं। अक्तूबर-नवंबर में वहाँ भयंकर बर्फबारी शुरू हो जाती है और झीलें-तालाब जम जाते हैं। खाना मिलना लगभग बंद हो जाता है। ऐसे में हजारों किलोमीटर उड़कर ये पक्षी नागपुर-विदर्भ के अपनाते हैं जहाँ अभी पानी और भरपूर भोजन उपलब्ध है।

लेकिन चिंता की बात भी है

पक्षी विशेषज्ञ एवं वाईल्ड-सीईआर की अध्यक्ष डॉ. बहार बाविस्कर कहती हैं, “हर साल की तुलना में इस बार भी विदेशी पक्षियों की संख्या काफी कम आई है। उमरेड रोड और अमरावती रोड पर दर्जनों छोटे-बड़े तालाब पाट दिए गए हैं। बचे-खुचे तालाबों में मानवीय हस्तक्षेप और प्रदूषण बढ़ गया है। प्लास्टिक कचरा, सीवेज और शोर इन संवेदनशील मेहमानों को रास नहीं आता। अगर यही रहा तो कुछ सालों में ये खूबसूरत परिंदे नागपुर की यादों में ही रह जाएंगे।” विदर्भ के अन्य जिलों में भी यही हाल है। गोंदिया और भंडारा में ग्रेलैग गीज (ग्रे लैग गीज) आई हैं, लेकिन उनकी संख्या भी पिछले वर्षों से कम है।


Created On :   4 Dec 2025 2:32 PM IST

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