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Nagpur News: शिक्षा ऐसी हो कि विद्यार्थियों को मिले फौरन राेजगार

- नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. क्षीरसागर का विश्वास
- परीक्षा परिणाम समय पर देने "कंप्यूटर इंजीनियरिंग' का होगा उपयोग
Nagpur News राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के सौ वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी महिला को कुलगुरु पद सौंपा गया है। नवनियुक्त कुलगुरु डॉ. मनाली क्षीरसागर ने बुधवार को पदभार ग्रहण किया। कार्यभार संभालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ. क्षीरसागर ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती परीक्षाओं का समय पर आयोजन और परिणामों की समय पर घोषणा है। सबसे पहले पूरी व्यवस्था का अवलोकन कर कमियां चिह्नित के बाद प्रक्रिया को अधिक सुगम और तेज किया जाएगा। इसमें कंप्यूटर इंजीनियरिंग के लंबे अनुभव का लाभ मिलेगा। उन्होंने एआई, डेटा साइंस जैसे नवोन्मेषी तकनीकी पाठ्यक्रम शुरू करने और विद्यार्थियों की रोजगार योग्यता विकसित करने पर विशेष जोर दिया।
डॉ. क्षीरसागर ने प्रभारी कुलगुरु डॉ. माधवी खोडे चवरे से कुलगुरु पद का कार्यभार स्वीकार किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. राजू हिवसे उपस्थित थे। कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व विश्वविद्यालय के महात्मा ज्योतिबा फुले शैक्षणिक परिसर में स्थित राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज के प्रतिमा को डॉ. मनाली क्षीरसागर ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. क्षीरसागर ने कहा कि तकनीक-आधारित नए-नए पाठ्यक्रम शुरू करना समय की मांग है। उद्योगों को जिस कुशल मनुष्यबल की आवश्यकता है, उसे उपलब्ध कराने के लिए उद्योग-आधारित पाठ्यक्रम तैयार कर छात्रों को रोजगार दिलाया जाएगा। शीतकालीन परीक्षा तीन सत्रों में आयोजित कर समय पर परिणाम घोषित करने के संबंध में समीक्षा की जाएगी। शीतकालीन परीक्षाओं का समय-सारणी शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा। ग्रीष्मकालीन परीक्षाएं नियमित समय पर होंगी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था को समझकर जहां आवश्यक हो वहां सुधार किए जाएंगे। इसी तरह विश्वविद्यालय से संलग्नित कॉलेजों में भी सुधार किए जाएंगे। इस अवसर पर विभिन्न प्राधिकारी सदस्य, चारों विद्याशाखाओं के अधिष्ठाता, विभिन्न शैक्षणिक विभागों के प्रमुख तथा अधिकारी उपस्थित थे। एआईआरएफ रैंकिंग में सुधार होगा डॉ. क्षीरसागर ने कहा कि देश के अन्य जगह से छात्र यहां शिक्षा लेने आए, इस दृष्टि से एनआईआरएफ रैंकिंग में सुधार करते हुए क्यूएस रैंकिंग के लिए आवेदन किया जाएगा। उत्कृष्ट शोध पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। विश्व में मनुष्यबल की जो मांग है, जिन देशों को कुशल कर्मियों की जरूरत है, उसके अनुसार स्किल्स हमारे छात्रों को दी जाएंगी। इससे विश्व की कुशल मनुष्यबल की मांग पूरी होगी और विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर के छात्र मिलेंगे।
पूर्व छात्रों का लिया जाएगा सहयोग : डॉ. क्षीरसागर ने कहा कि नागपुर विश्वविद्यालय ने पिछले सौ वर्षों में अनेक दिग्गज और प्रसिद्ध छात्र दिए हैं। अब उनके ज्ञान और सक्रिय सहयोग से विश्वविद्यालय को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ जैसे विशेष उपक्रम शुरू किए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सफल पूर्व छात्रों का व्यावहारिक अनुभव और मार्गदर्शन सीधे मिल सके।
Created On :   4 Dec 2025 12:24 PM IST















