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अस्वीकार करने पर दोबारा नहीं मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में स्पष्ट किया कि अनुकंपा नियुक्ति के लिए प्रतीक्षा सूची के किसी उम्मीदवार ने अगर एक बार नियुक्ति को अस्वीकार कर दिया, तो उसका अनुकंपा नियुक्ति का दावा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। हाई कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का मूल उद्देश्य ही दिवंगत कर्मचारी के परिवार को तत्काल आर्थिक सहयोग देना है। एक बार उम्मीदवार ने नौकरी अस्वीकार की, तो उसका यही अर्थ है कि वह अपने परिवार का पालन-पोषण किसी दूसरे आय स्रोत से करने में सक्षम है। इस निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण (मैट) के उस आदेश को खारिज किया है, जिसमें मैट ने अमरावती पुलिस अधीक्षक को सूरज सुभाषराव भेंडे को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने मैट के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
यह है मामला
दरअसल याचिकाकर्ता के पिता का वर्ष 2002 में निधन हो गया था। उस वक्त याचिकाकर्ता की उम्र बहुत कम थी, इसलिए उनकी माता का नाम प्रतीक्षा सूची में डाला गया। वर्ष 2004 में उन्हें चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति दी जा रही थी, लेकिन याचिकाकर्ता की माता ने उसे लेना अस्वीकार कर दिया। याचिकाकर्ता बालिग हुए तो उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति का दावा पेश किया। उक्त निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने यह फैसला जारी किया है।
Created On :   20 Jun 2023 11:56 AM IST