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अदालत: सीरम इंस्टीट्यूट के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई के आदेश, 10 हजार करोड़ की मानहानि का मुकदमा

- न्यायालय ने ‘फ्रॉड’ घोषित किया
- देशव्यापी जनजागृति की थी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. ‘वैक्सीन किंग’ अदार पूनावाला, सायरस पूनावाला व ‘सीरम इंस्टीट्यूट’ के गलत दावों को खारिज करते हुए वरिष्ठ दीवानी न्यायालय ने फर्जी शपथ-पत्र दाखिल कर न्यायालय से धोखाधड़ी करने के मामले में उनके खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
देशव्यापी जनजागृति की थी
सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हुई है और कई गंभीर रूप से बीमार हुए हैं। फिर भी सीरम इंस्टीट्यूट ने यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है, यह दावा कर लोगों का वैक्सीनेशन कर नागरिकों की जान संकट में डाली, जिससे अनेक लोगों की जान गई। ‘अवेक इंडिया मूवमेंट’ के वरिष्ठ सदस्य व पत्रकार प्रकाश पोहरे व संगठन के अन्य सदस्यों ने देश भर में जनजागृति अभियान चलाकर कोविशील्ड के दुष्परिणामों को लेकर जनजागृति की थी।
इस अभियान के कारण करीब 70 करोड़ से ज्यादा लोगों ने कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज लेने से मना कर दिया था। इसके बाद देश भर में संगठन के 3 हजार सदस्यों ने 100 से 1000 करोड़ के नोटिस सीरम इंस्टीट्यूट को भेजे थे। प्रकाश पोहरे ने भी समाज में मानहानि करने के मामले में अदार पूनावाला व उनकी कंपनी को 10 हजार करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेजा था। इसका जवाब नहीं देने पर पोहरे ने न्यायालय में दावा दाखिल किया था।
न्यायालय ने ‘फ्रॉड’ घोषित किया
सीरम इंस्टीट्यूट 10 हजार करोड़ की नुकसान भरपाई दें, यह विनती करने वाली याचिका प्रकाश पोहरे ने दाखिल की थी। अब सीरम इंस्टीट्यूट का दावा गलत साबित होने के कारण मुंबई उच्च न्यायालय के ‘Tiscon Realty, 2023 SCC OnLine Bom 1154' प्रकरण में आदेशानुसार अब प्रकाश पोहरे को 10 हजार करोड़ रुपए की नुकसान भरपाई मिलना लगभग तय हो गया है। यह जानकारी प्रकाश पोहरे के वकील व इंडियन बार एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. नीलेश ओझा ने दी। सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया लिमिटेड, अदार पूनावाला व सायरस पूनावाला को वरिष्ठ न्यायालय ने ‘फ्रॉड’ घोषित किया है।
Created On :   4 Aug 2024 4:13 PM IST