ठेका मजदूरों के अधिकार की गुहार, चुनावों के बाद कामगार न्यायालय में अपील करें

ठेका मजदूरों के अधिकार की गुहार, चुनावों के बाद कामगार न्यायालय में अपील करें
हाई कोर्ट ने मजदूरों की याचिका पर दिया निर्णय

डिजिटल डेस्क, नागपुर. महिंद्रा एन्ड महिंद्रा कंपनी में मजदूर संगठन की निर्चाचन प्रक्रिया पूरी होने के चलते हस्तक्षेप नहीं करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को राहत देते हुए निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने पर श्रम न्यायालय में जाने का निर्देश दिया है। दो सदस्यों की खंडपीठ में न्यायमूर्ति अतुल चांदूरकर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी ने यह निर्देश दिया है।

यह है पूरा मामला : इस मामले में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कंपनी की आंतरिक मजदूर प्रतिनिधियों की निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर प्रहार कामगार संगठन के अध्यक्ष सतीश बुरीले ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि कंपनी के मजदूर सगंठन के चुनावों के लिए कामगार आयुक्त ने मतदाता सूची घोषित की है। 31 अगस्त को मजदूरों की अंतिम मतदाता सूची को घोषित किया गया है, लेकिन मतदाता सूची में ठेका पद्धति पर कार्यरत मजदूरों को शामिल नहीं किया गया। इससे पहले 14 नवंबर 2014 को कंपनी के व्यवस्थापन ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया था कि ठेका पद्धति पर कार्यरत मजदूरों के लिए कल्याणकारी योजना क्रियान्वयन के साथ ही स्थायी सेवा में शामिल करने के लिए निर्णय लिया जाएगा। बावजूद इसके अब निर्वाचन प्रक्रिया में कंपनी व्यवस्थापन ने ठेका मजदूरों का मतदान का अधिकार छिन लिया है।

हस्तक्षेप से इनकार :

न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्वाचन प्रक्रिया के पूरा होने पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही पूरी प्रक्रिया होने के बाद आक्षेपों को लेकर ठेका मजदूरों को कामगार न्यायालय में जाने का निर्देश भी दिया है। न्यायालय में प्रहार संगठन की ओर से अ‍ॅड. शिल्पा गिरटकर ने और सरकार की ओर से अ‍ॅड. निवेदिता मेहता ने पक्ष रखा।

Created On :   8 Sept 2023 6:20 PM IST

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