फिर सुर्खियों में यूनिवर्सिटी: यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों और ठेकों में बंटवारे के लिए हो रही राजनीति!

यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों और ठेकों में बंटवारे के लिए हो रही राजनीति!
  • विवि विवाद में सामने आए चार मुख्य नामों से दैनिक भास्कर ने पूछे सवाल
  • क्या नागपुर यूनिवर्सिटी में भी दोहराया जाएगा "गोंडवाना पैटर्न’
  • विभिन्न नियुक्तियों वस करवालिा

डिजिटल डेस्क, नागपुर । भाजपा विधायक प्रवीण दटके की नियुक्ति पर सवाल उष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी में चल रही कलह के पीछे की मुख्य वजह सूत्रों के अनुसार यहां होने वाले 92 पदों पर प्रोफेसरों की नियुक्ति और यहां के विभिन्न ठेकों में हिस्सेदारी की बंदरबांट है। इस तरह के आरोपों पर दैनिक भास्कर ने इस विवाद में जुड़े सभी 4 जिम्मेदारों से सीधे सवाल किए। हमारा मुख्य सवाल यही था कि क्या यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों और ठेकों में बंटवारे के लिए राजनीति हो रही है।

मानस-पुत्र के पास बही-खाता : नागपुर यूनिवर्सिटी में नियुक्ति के हिसाब-किताब संभालने की जिम्मेदारी एक मंत्री के मानस-पुत्र कहे जाने वाले सख्स के पास है। इनकी सहमति से ही हिसाब आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि पूरे विभाग में बड़े-बड़े धुरंधर इनके आगे-पीछे घूम रहे हैं।

प्रवीण दडके की शैक्षणिक योग्यता पर विवि ने पत्र लिखकर सवाल उठाए : नागपुर विवि में सीनेट के पद पर भाजपा विधायक प्रवीण दटके की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए नागपुर यूनिवर्सिटी ने एक पत्र लिखकर इसकी शिकायत की। इसमें आरोप है कि सीनेट सदस्य के लिए पहले से ग्रेजुएशन होने का नियम अनिवार्य है, मगर दटके 10वीं पास हैं। ऐसे में उनकी नियुक्ति ही सवालों के घेरे में है। दरअसल, उनके कारण ही यूनिवर्सिटी में राजनीतिक फैसले हो रहे हैं।

मेरी नियुक्ति पर सवाल उठाने वाले नियम नहीं जानते : मेरा यूनिवर्सिटी के पदों की नियुक्त से कोई लेना-देना नहीं है। मैं किसी कमेटी में नहीं हूं। मैं ग्रेजुएट नहीं हूं, यह सही बात है। मुझे सभापति ने सीनेट पद पर नियमानुसार नियुक्त किया। रही विवादों की बात, तो मैं छात्रों से जुड़े मुद्दों को उठा रहा हूं। वहां हुए भ्रष्टाचार पर सवाल उठाना गलत है क्या? तमाम जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। मुझे बेवजह ही इसमें घसीटा जा रहा है। -प्रवीण दटके, विधायक व सीनेट सदस्य

"गोंडवाना पैटर्न’ पर काम करने के लिए डॉ. प्रशांत बोकारे लाए गए

विवि में इन दिनों जिस आरोप की चर्चा जोराें पर है, वह यह कि गड़चिरोली की गोंडवाना यूनिवर्सिटी में हुई 30 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति के पैटर्न को नागपुर में लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए गोंडवाना यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. प्रशांत बोकारे को नागपुर में प्रभारी कुलगुरु के पद पर लाया गया।

क्या हुआ था "गोंडवाना पैटर्न’ में : यहां 30 सहायक प्रोफसरों की नियुक्ति में धांधली के अरोप लगे, जिसे कोर्ट में चुनौती दी गई और विभाग के डायरेक्टर ने भी इस पर आपत्ति लेकर इनका वेतन रोक दिया। सूत्रों के अनुसार यहां करीब एक-एक प्रत्याशी से मोटी रकम नियुक्ति के बदले ली गई। अधिकांश उम्मीदवारों ने यह रकम बैंक से निजी लोन के रूप में ली। जैसे ही इसकी पोल खुली, तो सभी नियुक्ति विवादों में आ गई। करीब 6 माह से उन्हें वेतन नहीं मिला। विवि उन्हें अपने फंड से 25000 रुपए महीना दे रही है, जबकि नियुक्ति के बाद करीब 80 हजार रुपए दिए जाने थे। इसमें एक मंत्री को मोटी रकम पहुंचाने के भी आरोप लगे थे। विवाद का हल अब तक नहीं निकला।

आरोप निराधार हैं : विवाद जैसी कोई बात नहीं हैं। मेरे ऊपर लग रहे सारे आरोप निराधार हैं। सब नियमाें के अनुसार हो रहा है। (गोंडवाना यूनिवर्सिटी के नियुक्ति विवाद पर बात नहीं की, फोन काट दिया) - डॉ. प्रशांत बोकारे, प्रभारी कुलगुरु, नागपुर यूनिवर्सिटी

कल्पना पांडे और सुभाष चौधरी नियुक्तियों में अपना बर्चस्व चाहते हैं : भाजपा का दूसरा गुट अंदरूनी रूप से यह अारोप लगाता है कि डॉ. कल्पना पांडे और पूर्व कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी चाहते हैं कि 92 पदों पर नियुक्ति में उनका बर्चस्व हो। वह अपने लोगों को इसमें बैठाकर आर्थिक हित साधना चाह रहे हैं। उनके खिलाफ विवि में कई जांच भी हुईं और घोटाले के आरोप भी लगे।

मैं विवि के लोगों की नियुक्ति की समर्थक हूं : नागपुर विवि में 92 पदों पर नियुक्ति में मैं चाहती हूं कि पहली प्राथमिकता उन लोगों काे मिले, जो सालों से छोटे-छोटे भुगतान पर विवि में विजिटिंग फैकल्टी हैं। दूसरी तरफ विवि में हो रही गलत राजनीति के खिलाफ हूं। जो लोग विवि की कमेटियों में हैं, वह जिन मुद्दों पर अंदर सहमति देते हैं, साइन करते हैं और बाहर उनके ही खिलाफ बोलते हैं, इसलिए मैंने ऐसे भाजपा विधायक प्रवीण दटके, समय बंसोड़, अधिसभा सदस्य विष्णु चांगदे, भाजयुमो नेता शिवानी दाणी के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है। -कल्पना पांडे, अध्यक्ष, शिक्षण मंच, नागपुर यूनिवर्सिटी

कमेंट्स नहीं कर सकता : यूनिवर्सिटी में किसी भी मुद्दे में मैं कमेंट्स नहीं कर सकता, क्योंकि मेरा मामला कोर्ट में चल रहा है। अधिकांश मुद्दे उसमें उठाए हुए हैं। - डॉ. सुभाष चौधरी, पूर्व कुलगुरु

Created On :   17 Aug 2024 6:40 PM IST

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