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देश को मिला नया संसद भवन, विपक्ष ने साध दिया निशाना - प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि उद्घाटन फलक पर उनके पहले किसी का नाम आए
- देश को नया संसद भवन मिला
- हर वर्ग परेशान, वादा अभी अधूरा है
- लोकतंत्र पर संकट लाया जा रहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. देश को नया संसद भवन मिल चुका है। पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका शुभारंभ किया। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नई संसद को लेकर राजनीति जमकर हो रही है। लगभग पूरे विपक्ष ने नई संसद के उद्घाटन के मौके से किनारा कर लिया है। इसके पहले शनिवार को कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संसद की नई इमारत के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। गौरव वल्लभ ने कहा- प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि उद्घाटन फलक पर उनके पहले किसी का नाम आए। कार्यक्रम में राष्ट्रपति का नाम फलक पर प्रधानमंत्री से पहले रहेगा। इसलिए राष्ट्रपति को कार्यक्रम के लिए नहीं बुलाया गया. उद्घाटन से पहले वल्लभ ने यह भी कहा कि कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति को बुलाएं तो विपक्ष उनका स्वागत ही करेगा। कार्यक्रम में विपक्ष भी उपस्थित रहेगा। प्रधानमंत्री को लेकर कांग्रेस के 9 सवाल दोहराते हुए वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्रकार वार्ता लेकर सभी सवालाें का जवाब देना चाहिए। शनिवार को उन्होंने कहा- विपक्ष के 20 दलों की अनुपस्थिति में संसद भवन का उद्घाटन अधूरा माना जाएगा। संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है। उसकी तुलना किसी राज्य के भवन से नहीं की जा सकती है। संसद के मामले में राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति का महत्व सबसे अधिक है। राष्ट्रपति को उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करके महिला व आदिवासी समाज का अपमान किया जा रहा है। राजनीतिक मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि फिलहाल विमर्श राजदंड नहीं, बल्कि राजधर्म पर होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 9 साल के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता वल्लभ ने कहा कि केवल झूठे वादों व प्रचारों के बल पर यह सरकार चल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के वाक्य दोहराते हुए उन्होंने कहा-सत्य हर स्थिति में सत्य ही रहता है। 9 वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
हर वर्ग परेशान, वादा अभी अधूरा है
45 वर्षों में सबसे अधिक अब बेरोजगारी का दौर चल रहा है। महंगाई बढ़ी है। आर्थिक असमानता है। कृषि मामले में किसानों की आय दोगुना करने का वादा पूरा नहीं किया गया है। कृषि उपज को वाजिब समर्थन मूल्य देने के लिए वैधानिक अधिकार देने का वादा भी अधूरा है। पूंजीवाद व मित्रवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। सबसे अधिक टेंडर गौतम अडाणी के उद्योग समूह को दिए जा रहे हैं। चीन व राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में सरकार से जवाब देते नहीं बन रहा है।
लोकतंत्र पर संकट लाया जा रहा
भारत की सीमा में 1500 वर्ग किलोमीटर तक चीन का नियंत्रण है। शहरों के नाम बदले जा रहे हैं। सामाजिक सदभाव का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। गलत बयान देने वाले राज्यमंत्री को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। सामाजिक न्याय नहीं मिल पा रहा है। अनुसूचित जाति उत्पीड़न प्रतिबंधक कानून एट्रोसिटी के तहत 23 प्रतिशत घटनाएं बढ़ी हैं। जाति आधारित जनसंख्या की मांग को नजरअंदाज किया जा रहा है। लोकतंत्र पर संकट लाया जा रहा है। चुनी हुई सरकार को गिराने का काम किया जा रहा है। ईडी जैसी जांच एजेंसियां 95 प्रतिशत विपक्ष के लोगों को ही पूछताछ के लिए बुला रही हैं। मनरेगा सहित अन्य समाज कल्याण की योजनाओं में कटौती की जा रही है। काेविड संक्रमण काल में 40 लाख नागरिकों की मृत्यु हुई। उनके परिवार को मुआवजा नहीं मिल पाया है।
ये थे उपस्थित
पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव रामकिशन ओझा, शहर अध्यक्ष विकास ठाकरे, विधान परिषद सदस्य अभिजीत वंजारी, कांग्रेस उद्योग व्यापारी सेल के प्रदेश अध्यक्ष अतुल कोटेचा, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विशाल मुत्तेमवार, संदेश सिंगलकर, कमलेश समर्थ सहित अन्य पदाधिकारी थे।
लोक सभा अध्यक्ष उद्घाटन करेंगे तो हम भी शामिल होंगे - ओवैसी
संसद की नई इमारत के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर चल रही राजनीति के बीच एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उद्घाटन कराएं। लोकसभा अध्यक्ष उद्घाटन करेंगे तो हम भी समर्थन देंगे। कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। शनिवार को ओवैसी ने विमानतल पर चर्चा की। एआईएमआईएम अर्थात आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की सभा में सार्वजनिक सभा के सिलसिले में आए ओवैसी ने कहा-संसद के संरक्षक लोकसभा अध्यक्ष होते हैं। लोकसभा अध्यक्ष सर्वोच्च पद है। प्रधानमंत्री संसद के कार्यकारी हैं। इसलिए नई इमारत का उद्घाटन बिरला से ही कराया जाए। ओवैसी ने कहा- कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर हमने लोकसभा में विरोध किया था। तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 370 हटाने का समर्थन किया था। अब दिल्ली में केंद्र सरकार नियमबाह्य काम करने लगी है। दिल्ली में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति का अधिकार उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार को दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने न्यायालय के निर्णय के विरोध में अध्यादेश जारी किया है। केजरीवाल को अब इस विषय पर न्यायालय में संघर्ष करना पड़ेगा। महाराष्ट्र में लव जिहाद के नाम पर संघ व भाजपा ने आंदोलन किया। द्वेष फैलाने का प्रयास किया गया है। भारतीय संविधान के अनुसार विशेष उम्र में प्रत्येक को विवाह का अधिकार है। कौन विवाह करेगा, किससे करेगा यह कौन तय करेगा? भाजपा के लोग रोजगार, किसान आत्महत्या के विषय पर नहीं बोल रहे हैं।
Created On :   28 May 2023 7:14 PM IST