सफर: डेढ़ साल में ट्रेन से 28 लाख के बेडरोल हो गए गायब, ठेकेदार से वसूला गया जुर्माना

डेढ़ साल में ट्रेन से 28 लाख के बेडरोल हो गए गायब, ठेकेदार से वसूला गया जुर्माना
  • एसी बोगियों में यात्रियों को दिया जाता है बेडरोल
  • यात्रा खत्म होने के बाद कोच अटेंडेंट को वापस करना होता है
  • नैपकीन व चादरें रेलवे से गायब होने का सिलसिला जारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे से सफर करनेवाले यात्रियों को सफर के दौरान रेलवे बेडरोल देता है। जिसे सफर खत्म होने के बाद रेल प्रशासन को वापिस करना होता है। इसे वापस लेने की जिम्मेदारी कोच अटेंडेंट की होती है। लेकिन सुनकर हैरानी होगी, कि गत गत डेढ़ साल में मध्य रेलवे नागपुर मंडल से 28 लाख से ज्यादा की बेडरोल गायब हुई है। हालांकि इसके बदले रेलवे ने संबंधित ठेकेदारों से पैसे वसूल किए हैं। लेकिन गायब होनेवाले यह बेडरोल आखिर कौन गायब करता है, यह सवाल हर किसी के सामने है।

कोच अटेंडेंट की लापरवाही : गाड़ियों की एसी बोगियों में यात्रियों को बेडरोल दिया जाता है। जिसमें बिछाने के लिए चादर, ओढ़ने के लिए कंबल व हाथ, मुंह पोंछने के लिए नैपकीन होता है। नियमानुसार यह सारी चीजें यात्रा खत्म होने के बाद कोच अटेंडेंट को वापिस होनी चाहिए। लेकिन कई बार कोच अटेंडेट की लापरवाही तो कई बार यात्रियों की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। कुछ यात्री लापरवाही वश इसे बैग में ही डालकर ले जाते या कहीं फेक जाते हैं। परिणामस्वरूप लगातार नैपकीन व चादरें रेलवे से गायब होने का सिलसिला जारी है। नागपुर मंडल में विदर्भ एक्सप्रेस, पुणे-नागपुर-पुणे, गरीबरथ आदि 12 से ज्यादा गाड़ियां हैं। जो नागपुर मंडल द्वारा संचालित होती हैं।

सबसे ज्यादा गायब होती हैं बेडशीट : रेलवे इनके आंकड़े किलो में मेंटेन करती है। अधिकृत आंकड़ों में सबसे ज्यादा बेडशीट गायब दिख रही है। डेढ़ साल में कुल 7 हजार 38 किलो की बेडशीट गायब हुई हैं। जो करीब 28 हजार बेडशीट हो सकती हैं। इसी तरह हैड टॉवेल 621 किलो गायब हुए हैं। यानी 2 हजार से ज्यादा, पिलो कवर भी 677 किलो गायब हुए हैं। जो लगभग 2 हजार से ज्यादा ही हैं। सबसे ज्यादा गायब होनेवाले कपड़ों में दूसरा नंबर ब्लैकेट का है, 3 हजार 664 किलो ब्लैंकेट गायब हुए हैं। जो लगभग 3 हजार ब्लैंकेट हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया इनकी कीमत लगभग 28 लाख है।

ठेकेदार जिम्मेदार होते हैं : गत डेढ़ साल में 28 लाख के बेडरोल गायब हुए हैं। लेकिन इसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार होते हैं। इनसे रेलवे जुर्माना वसूलती है। अमन मित्तल, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, मध्य रेलवे नागपुर मंडल


Created On :   16 May 2024 9:43 AM GMT

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