स्टाम्प पेपर की फिर किल्लत, विद्यार्थियों व अभिभावकों को हो रही परेशानी

स्टाम्प पेपर की फिर किल्लत, विद्यार्थियों व अभिभावकों को हो रही परेशानी
  • 1 लाख से ज्यादा की मांग
  • विद्यार्थियों व अभिभावकों को हो रही परेशानी
  • स्टाम्प पेपर की फिर किल्लत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कूल-कॉलेज में एडमिशन का दौर शुरू होने से स्टाम्प पेपर की मांग काफी बढ़ गई है। स्टाम्प पेपर की किल्लत होने से कलेक्टरेट में लोग स्टाम्प पेपर के लिए भटकते रहे। विद्यार्थी व अभिभावकों को प्रमाणपत्रों के लिए स्टाम्प पेपर जरूरी है। इसकी किल्लत होने से कई लोगों को पेपर नहीं मिल सका। कोषागार कार्यालय से वेंडरों को सप्ताह में केवल मंगलवार व शुक्रवार को ही स्टाम्प पेपर मिलते हैं। एक वेंडर को एक समय में एक लाख के ही स्टाम्प मिलते हैं। यह सीमा बढ़ाने की मांग लगातार हो रही है।

1 लाख से ज्यादा की मांग

वेंडरों को सप्ताह में दो दिन स्टाम्प मिलते है। स्टाम्प पेपर दो से अधिक दिन व एक लाख की सीमा से ज्यादा मिले, इसके लिए वेंडर लगातार जिलाधीश, मुद्रांक जिलाधीश व कोषागार कार्यालय से निवेदन कर रहे है। जिलाधीश डॉ. विपिन इटनकर ने एक लाख से ज्यादा मूल्य के स्टाम्प मिले, इसके लिए कोषागार कार्यालय को जरूरी कदम उठाने की सूचना की। मुद्रांक जिलाधीश ने भी सकारात्मक संकेत देते हुए वेंडरों की मांग पर गंभीरता पूर्वक विचार करने को कहा। कोषागार कार्यालय ने अभी तक इस दिशा में कदम नहीं उठाए हैं। नागपुर जिला स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन के सतीश पाटील ने कहा कि स्कूल-कॉलेज में एडमिशन का दौर शुरू होने से स्टाम्प पेपर की मांग काफी बढ़ गई है। कोषागार कार्यालय ने स्टाम्प की सीमा नहीं बढ़ाने से किल्लत चल रही है। एसोसिएशन ने सप्ताह में दो से अधिक दिन आैर एक समय में एक लाख से ज्यादा मूल्य के स्टाम्प जारी करने की मांग की है।

ज्यादा कीमत देकर खरीद रहे

स्टाम्प पेपर की किल्लत का कुछ वेंडर गैरजरूरी लाभ लेने का आरोप अभिभावकों ने लगाया है। 100 व 500 का स्टाम्प पेपर तय कीमत से ज्यादा मूल्य पर खरीदने की बात कुछ अभिभावकों ने स्वीकार की। सबसे ज्यादा 100 रुपए के स्टाम्प पेपर की मांग है। लोगों का आरोप है कि वेंडर ज्यादा मूल्य ले रहे हैं, जिस पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है।

Created On :   24 Jun 2023 7:45 PM IST

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