पटरियों को संवार रहीं अत्याधुनिक मशीनें, समय की भी हो रही बचत

पटरियों को संवार रहीं अत्याधुनिक मशीनें, समय की भी हो रही बचत
  • मैन पॉवर भी कम
  • तेजी से हो रहा काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर. एक समय ऐसा था जब रेल पटरियों का काम कर्मचारियों के बगैर नहीं होता था। अब इस काम को रेलवे अत्याधुनिक मशीनों से अंजाम दे रही है, जिसके कारण एक तरफ मैन पावर कम लग रहा है, वहीं दूसरी ओर समय की बचत हो रही है। वर्तमान स्थिति में दपूम रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत नागपुर से दुर्ग के बीच थर्ड लाइन का काम इन्हीं मशीनों के माध्यम से हो रहा है, जिससे काम को तेजी मिल रही है।

ऐसा काम करती हैं मशीनें : बैलास्ट क्लीनिंग मशीन (बीएसएम) ट्रैक की डीप स्क्रीनिंग कार्य करती है। ट्रैक मशीन से टर्नऑउट रिन्यूवल का कार्य किया जाता है। यूनिमेट मशीन भी एक प्रकार की टर्नऑउट टैम्पिंग मशीन है। इस मशीन से ट्रैक की टर्नऑउट टैम्पिंग का कार्य किया जाता है। एफआरएम मशीन से ट्रैक के दोनों किनारों पर रखा हुआ बैलास्ट को क्लीन किया जाता है। नए ट्रैक को स्लीपर के साथ बिछाने में या पुराने ट्रैक को नए ट्रैक से चेंज करने में पीक्यूआरएस मशीन का महत्वपूर्ण योगदान है।

तेजी से हो रहा काम

अत्याधुनिक मशीन से स्लीपर रिप्लेसमेंट, स्लीपर हैंडलिंग, गिट्टी हैंडलिंग, ट्रैक हैंडलिंग, ट्रैक लिफ्टिंग जैसे कार्य किए जा रहे हैं। कुछ समय पहले तक यह कार्य मानव बल द्वारा किया जाता था। इससे समय के साथ-साथ काम में देरी भी होती थी। अब इनकी बचत हो रही है, जिससे निर्धारित समय से पहले रेलवे को काम पूरा करने में सफलता मिल रही है। समपारों का रख-रखाव, ट्रैक टैम्पिंग, रेल वेल्डिंग में खराबी को दूर करना, खराब रेलवे स्लीपरों की बदली, स्लीपरों के टुकड़ों को खंड से हटाना आदि कार्य जारी है। दपूम रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत नागपुर-छिंदवाड़ा, सालेकसा से आमगांव के बीच, नागपुर से मंडला, तुमसर से तिरोड़ा व कटनी से बालाघाट के बीच में इन मशीनों के माध्यम से काम किया जा रहा है।

Created On :   2 Sept 2023 11:24 AM IST

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