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"आर्द्र भूमि' नहीं है फुटाला तालाब, फाउंटेन अवैध नहीं’
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के फुटाला तालाब पर बनाए गए म्यूजिकल फाउंटेन को अवैध बताती स्वच्छ फाउंडेशन की जनहित याचिका पर आखिरकार राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपना जवाब पेश किया है। राज्य सरकार के पर्यावरण मंत्रालय व वेटलैंड अथॉरिटी की ओर से अधिवक्ता आनंद परचुरे ने सभी आरोपों को खारिज किया। दलील दी कि फुटाला तालाब -"आर्द्रभूमि'(वेटलैंड) की श्रेणी में नहीं आता। यह एक मानव निर्मित तालाब है। इसका निर्माण तत्कालीन भोंसले राजा ने तेलंखेड़ी उद्यान को जलापूर्ति के लिए किया था। मानव निर्मित तालाब को आर्द्रभूमि की सूची में नहीं रखा जा सकता। इसके अलावा जिस निर्माणकार्य को नुकसान दायक बताया जा रहा है, वह संबंधित विभागों की एनओसी के बाद बनाया गया है। फुटाला पर बनी दर्शक दीर्घा तालाब की दीवार से दूर सड़क के पास बनाई गई है। वहीं पार्किंग के लिए जो वृक्ष काटे गए हैं, वह भी संबंधित विभाग की अनुमति से ही काटे गए हैं। राज्य सरकार की जानकारी को रिकार्ड पर लेकर हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस पर जवाब देने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता की दलील : याचिकाकर्ता के अनुसार फुटाला तालाब का समावेश नेशनल वेटलैंड इनवेंटरी एंड असेसमेंट की सूची में है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित इन आर्द्रभूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माणकार्य नहीं किया जा सकता। सर्वोच्च न्यायालय के इस संबंध में आदेश भी है, जिसके तहत केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर इन प्रकार के जल स्रोतों की रक्षा की जिम्मेदारी है। इन सब के बावजूद नागपुर के फुटाला तालाब में जम का निर्माणकार्य किया गया। यहां तालाब के बीचों बीच म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया। वहीं इसके किनारे पर दर्शक दीर्घा बनाई गई। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस तरह का निर्माण पूरी तरह अवैध है।
Created On :   15 Jun 2023 11:13 AM IST