जीएसटी : अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ा रहा सिस्टम

जीएसटी : अधिकारियों पर काम का बोझ बढ़ा रहा सिस्टम
हजारों नोटिस जारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जीएसटी रजिस्ट्रेशन पैन से लिंक होने के कारण कारोबारी की आय बढ़ने पर जीएसटी विभाग से संबंधित कारोबारियों को नोटिस जारी होते हैं। सिस्टम पिछले एक साल में ही हजारों नोटिस जारी कर चुका है। सिस्टम जितनों को नोटिस जारी करता है, उन सभी को जीएसटी कार्यालय पहुंचकर अपना पक्ष रखना होता है। जांच में खुलासा होता है कि अधिकांश मामले जीएसटी से संबंधित नहीं हंै। सिस्टम जो धड़ाधड़ नोटिस जारी कर रहा है, उससे अधिकारियों के लिए काम का बोझ बढ़ रहा है।

आय बढ़ने के कई स्रोत : जीएसटी विभाग वस्तु व सेवा पर कर लेता है। यह अप्रत्यक्ष कर होता है, वहीं आय कर विभाग सीधे होने वाली आय पर कर लेता है। इसे प्रत्यक्ष कर कहा जाता है। कारोबारी या आम लोगों की आय बढ़ने के कई स्रोत हो सकते हैं। आय का माल या कर सीधे आयकर विभाग में आता है, लेकिन हर आय या मुनाफे पर जीएसटी लगेगा ऐसा नहीं होता।

स्पष्टीकरण लेकर मामला खत्म : चूंकि जीएसटी रजिस्ट्रेशन पैन से लिंक होने से जीएसटी विभाग के पास वह सारा डेटा आ जाता है, जो आय कर विभाग के पास जाता है। जैसे पुश्तैनी जमीन की बिक्री, खेती की बिक्री, पुराने मकान की बिक्री, प्लाट की बिक्री से संबंधितों को पैसा मिलता है, लेकिन इसका जीएसटी विभाग से कोई संबंध नहीं है। संबंधित व्यक्ति इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित स्टैंप ड्यूटी भरता है। नोटिस मिलने के बाद जब ये लोग पहुंचते हैं, तो अधिकारी इनसे स्पष्टीकरण लेकर मामला खत्म कर देता है।

कितने नोटिसों पर कार्रवाई : इस पूरी प्रक्रिया में कई महीने लग जाते हैं आैर इस तरह कारोबारी व अधिकारी दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कर चोरों की निगरानी के लिए केंद्रीय जीएसटी विभाग ने एक सिस्टम तैयार किया है। पिछले एक साल में सिस्टम ने नागपुर जोन में हजारों लोगों को नोटिस जारी किया। जांच के बाद इनमें से 25 फीसदी ही नोटिस पर कार्रवाई हो सकी है। कई लोग तो ऐसे भी पहुंच गए, जिनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। आयकर विभाग डेटा साझा करने से इन्हें भी नोटिस जारी हो जाते हैं।

Created On :   16 Aug 2023 11:39 AM IST

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