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कछुआ चाल चल रही भूखंड नियमितीकरण की प्रक्रिया
- भूखंड नियमितीकरण की प्रक्रिया
- धीमा चल रहा कार्य
डिजिटल डेस्क, नागपुर. गुंठेवारी कानून के तहत अनधिकृत ले-आऊट का नियमितीकरण करने की प्रक्रिया अब भी कछुआ चाल से ही आगे बढ़ रही है। सिटी सर्वे का एक कार्यालय सप्ताह में 10 क प्रत जारी कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा सिटी सर्वे के कार्यालय क्र. 2,3 व ग्रामीण भूमि अभिलेख उप-अधीक्षक कार्यालय को सर्वे करने, अनधिकृत ले- आऊट की नापजोख कर नक्शा मंजूर करने व ‘क’ प्रत जारी करने की जिम्मेदारी दी गई है। बारिश के मौसम में इन कार्यालय के अधिकारी अनधिकृत ले-आऊट का सर्वे कर रहे हैं, जिसकी वजह से विलंब की बात कही जा रही है। अप्रैल 2022 में नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा गुंठेवारी कानून के तहत भूखंड नियमितीकरण के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। 20 हजार से अधिक भूखंडधारकों ने इस आमंत्रण पर भूखंड नियमितीकरण के लिए आवेदन पेश कर शुल्क जमा किया था। इन भूखंडधारकों के भूखंड अब तक नियमित नहीं किए जा सके हैं। सिटी सर्वे क्र. 3 में 75 ले-आऊट की नापजोख कर क प्रत जारी करने की जिम्मेदारी दी गई थी। भूमि अभिलेख अधिकारी स्वप्ना पाटील ने बताया कि अबतक 61 ले-आऊट की नापजोख की गई है तथा 34 ले-आऊट की क प्रत जारी की जा चुकी है। 75 ले-आऊट का सर्वे करने के लिए नागपुर सुधार प्रन्यास द्वारा शुल्क के रुप में 87 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। इसी तरह सिटी सर्वे क्र. 2 अंतर्गत तकरीबन 200 अनधिकृत ले-आऊट का सर्वे करना था। इस कार्यालय के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि सभी ले-आऊट का सर्वे पूर्ण कर लिया गया है। इनमें से कुछ ले-आऊट की क प्रत जारी भी कर दी गई है।
क्लस्टर में ओव्हरलैपिंग की मिल रही शिकायत
अनधिकृत ले-आऊट का सर्वे करनेवाले भूमि अभिलेख विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नरसाला में कुछ ले-आऊट के ओव्हरलैपिंग की जानकारी उजागर हुई है। ऐसे ले-आऊट का पंचनामा कर रिपोर्ट भेज दी गई है। एक अन्य अधिकारी ने ओव्हरलैपिंग की शिकायत को सिरे से खारिज करते हुए दलील दी कि सर्वे कार्य के लिए जीपीएस प्रणाली का उपयोग हो रहा है जिसमें ओव्हरलैपिंग की संभावना नहीं है।
Created On :   9 Sept 2023 8:12 PM IST