आज मैं आगे, जमाना है पीछे: रैंप पर थिरकते नजर आए टाइप बन बच्चे, एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर खूब बटोरी तालियां

रैंप पर थिरकते नजर आए टाइप बन बच्चे, एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर खूब बटोरी तालियां
  • उत्साह, स्फूर्ती, इंसुलिन और संयमित भोजन से टाइप वन को दे रहे मात
  • ड्रीम ट्रस्ट के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. शरद पेंडसे की स्मृति में आयोजन
  • अपना शानदार करियर बना रहे हैं युवा
  • एक से बढ़कर एक प्रस्तुति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुझे टाइप वन डायबिटीज है, लेकिन मैं अजेय हूं। यह भावना तब गूंज उठी, जब टाइप वन बच्चे विश्व मधुमेह दिवस मनाने एक मंच पर आ गए, यह कार्यक्रम ड्रीम ट्रस्ट के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. शरद पेंडसे की स्मृति में आयोजित किया गया था। जिसमें ट्रस्ट में नामांकित बच्चों और उनके परिवारों ने भाग लिया। टाइप वन बच्चे फैशन शो में रैंप पर थिरकते नजर आए। खास बात है बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। आदित्य और ऐश्वर्यं अलोने नामक युवा इस कार्यक्रम के संयोजक रहे, जो बचपन से ही टाइप वन पेशेंट हैं और अब वे इंजीनियर और प्रैक्टिसिंग वकील के रूप में अपना शानदार करियर बना रहे हैं।

इस कार्यक्रम में फ़ोटोग्राफ़ी कवरेज का नेतृत्व शुभम ने किया था। शुभम को 13 साल पहले पता चला था कि उन्हें टाइप वन डायबिटीज है। इसके बाद अपने खान-पान को संयमित कर और नियमित इंसुलिन लेते हुए उत्साहित जीवन जी रहे है।

कार्यक्रम निरंतर आगे बढ़ता गया। इसके बाद शाम के सेशन की मुख्य अतिथि ऑस्ट्रिया की अन्ना उहलिच रहीं, जो खुद पिछले 40 वर्षों से टाइप वन डायबिटिक हैं। वे 20 वर्षों से ड्रीम ट्रस्ट से जुड़ी हुई हैं और 8 बच्चों को प्रायोजित करने में सहियोग कर रही हैं। उनकी प्रेरणा से दो सौ बच्चों के इलाज के लिए ऑस्ट्रिया और जर्मनी से 170 परिवारों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। एना के साथ मिस्टर निक, क्लाउडिया, मिस्टर एंड मिसेज विल्हेम और मिस्टर एंड मिसेज ग्रीनर भी शामिल हुए। जर्मनी की रोगोव्स्की ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम की खास झलकियां

8-18 वर्ष की आयु के बच्चों ने एकल नृत्य प्रस्तुत किया

फैशन शो में बच्चों और उनके परिवारों ने हिस्सा लिया

लगभग 150 बच्चों और उनके परिजन शामिल हुए

टाइप वन डायबिटीज के बच्चों को और उत्साहित करने के लिए सीनियर्स ने अपने अनुभवों को साझा किया। बच्चे किस तरह अपना शुगर लेवल कंट्रोल कर एक बेहतरीन जीवन जी सकते हैं, इसकी बानगी भी साफ देखी गई। 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। गौरतलब है कि टाइप वन के लिए इंसुलिन शॉट्स लेना अनिवार्य होता है। जिसकी एक निश्चित मात्रा स्किन में पोर्ट की मदद से दी जाती है।

अपने पिता के सेवाकार्यों को आगे बढ़ा रहे ड्रीम ट्रस्ट प्रबंधन के ट्रस्टी संकेत पेंडसे का कहना है कि टाइप वन डायबिटीज में पूरी तरह इंसुलिन पर निर्भर होना पड़ता है। इंसुलिन न लेने से मधुमेह संबंधी कोमा जैसी गंभीर जीवन-घातक जटिलताएं हो सकती हैं। इसमें भोजन का प्रत्येक टुकड़ा, शारीरिक गतिविधि और नींद का पैटर्न रक्त में शुगर के स्तर को प्रभावित करता है।

मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संकेत पेंडसे ने बताया कि ड्रीम ट्रस्ट, एक धर्मार्थ संगठन है, जो 1995 से अपनी सेवाएं दे रहा है। आर्थिकरूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को मुफ्त इंसुलिन, सीरिंज, ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स सहित उपचार और मार्गदर्शन दिया जाता है। जिससे इलाज के आभाव में किसी बच्चे के साथ कोई अनहोनी न हो। इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

डॉ. संकेत पेंडसे ने टाइप वन बच्चों को सामान्य जीवन जीने देने पर जोर दिया। निरंतर इंसुलिन उपचार, प्रोत्साहन के साथ बच्चे एक समृद्ध जीवन जी सकते हैं।

टाइप 1 डायबिटीज डायट कैसी हो

भोजन के आधार पर ब्लड शुगर लेवल घटता-बढ़ता है। इसीलिए, डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए संतुलित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फैट्स का सेवन करें। अपने डॉक्टर्स के साथ मिलकर सही डायट प्लान करें।

डायट में शामिल करें ये सुपरफूड्स

हर रोज 25-30 ग्राम फाइबर का सेवन करें, अनहेल्दी फैट्स के सेवन से बचें

कार्बोहाइड्रेट्स की सही मात्रा चुनें, इसके साथ ही अनहेल्दी कार्ब्स खाने से बचें

बीन्स

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

खट्टे फल

शकरकंद

बेरीज़

टमाटर

ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाली मछलियां

साबुत अनाज

नट्स

फैट-फ्री दही और दूध

Created On :   7 Nov 2023 6:52 AM GMT

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