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पुनर्जीवन को तड़प रहा विदर्भ विकास वैधानिक मंडल
- अवधि समाप्त होने तक आघाड़ी ने नहीं दिया ध्यान
- विदर्भ राज्य निर्माण की मांग की तरह मंडलों का मामला भी बना राजनीति का शस्त्र
- विकास के नाम पर केवल वादे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. विकास की राजनीति के कई दावों के बीच विदर्भ विकास मंडल पुनर्जीवन के लिए तड़प रहा है। राज्य सरकार ने विदर्भ, मराठवाड़ा व शेष महाराष्ट्र वैधानिक विकास मंडल को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। 6 माह बीत जाने के बाद भी इस संबंध में निर्णय नहीं लिया जा सका है। खास बात है कि, विकास मंडल का मामला राजनीति का शस्त्र बन चला है। भाजपा आरोप लगाती रही है कि, कांग्रेस व राकांपा जैसे दल क्षेत्र विकास की ओर ध्यान नहीं दे पाते हैं। वहीं भाजपा भी अपने वादे काे पूरा नहीं कर पा रही है। मंडल पुनर्जीवन का प्रस्ताव भाजपा गठबंधन की सरकार ने ही केंद्र को भेजा है। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व की सरकार है, लेकिन इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। एकनाथ शिंदे व देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की सरकार ने सितंबर 2022 में वैधानिक विकास मंडलों के पुनर्जीवन का प्रस्ताव तैयार किया है।
अवधि समाप्त होने तक आघाड़ी ने नहीं दिया ध्यान
महाविकास आघाड़ी सरकार के समय वैधानिक विकास मंडलों को लेकर उदासीनता इस तरह रही कि, कार्य अवधि समाप्त होने तक इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया। क्षेत्रीय विकास के संतुलन के उद्देश्य से 1 मई 1994 को विदर्भ, मराठवाड़ा व शेष महाराष्ट्र वैधानिक विकास मंडल का गठन किया गया। इन विकास मंडलों के माध्यम से क्षेत्रीय विकास का अध्ययन किया जाता है। राज्यपाल की अनुशंसा पर विशेष विकास कार्यक्रम चलाए जाते रहे हैं, लेकिन गठन के कुछ वर्षों बाद से ही इन मंडलों को लेकर सरकार की उदासीनता सामने आती रही है। विकास मंडल का कार्यकाल 30 अप्रैल 2015 को समाप्त हो गया। हालांकि, इन मंडलों के योगदान को देखते हुए राष्ट्रपति ने इनका कार्यकाल 30 अप्रैल 2020 तक बढ़ा दिया था। विदर्भ के बुलढाणा, अकोला, वाशिम और अमरावती जिलों में सिंचाई क्षेत्र का अनुशेष अभी भी कायम था, इस वजह से मंडलों का जीवित रहना आवश्यक था।
क्षेत्र विकास प्राथमिकता : गोस्वामी
विकास मंडलों के पुनर्जीवन को लेकर विविध राजनीतिक दल दावे ही दावे कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चंदन गोस्वामी ने कहा है कि, क्षेत्र विकास भाजपा की प्राथमिकता में शामिल है। महाविकास आघाड़ी सरकार के समय वैधानिक विकास मंडलों का अस्तित्व ही संकट में आ गया था। भाजपा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पुनर्जीवन प्रक्रिया आरंभ करायी। पुनर्जीवन के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार निर्णय लेगी। राज्य सरकार ने विकास कार्यों को गति दी है।
अपना प्रस्ताव ही मंजूर नहीं करा पा रहे : लोंढे
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा है कि, भाजपा केवल झूठे वादों की राजनीति करती है। विदर्भ राज्य निर्माण की मांग को लेकर भाजपा ने प्रदर्शन किए। राज्य निर्माण के वादे के साथ मतदान पाया। राज्य निर्माण के संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया। अब केंद्र व राज्य में भाजपा के नेतृत्व की सरकार है, लेकिन विदर्भ राज्य निर्माण के विषय पर भाजपा बोल रही पा रही है। वैधानिक मंडल को लेकर भी ऐसी ही स्थिति है। अपने ही प्रस्ताव को भाजपा मंजूर नहीं करा पा रही है।
विकास के नाम पर केवल वादे : रोंघे
विदर्भवादी कार्यकर्ता नितीन रोंघे ने कहा है कि, क्षेत्र विकास के मामले में राजनीति नहीं होना चाहिए, लेकिन देखा जा रहा है कि विकास के नाम पर केवल वादे किए जा रहे हैं। क्षेत्र विकास के लिए अध्ययन ही नहीं हो पा रहा है। मंडल गठन भी गया, तो तत्काल कार्ययोजना तैयार नहीं हो पाएगी। चुनाव वर्ष में इन विकास मंडलों के संबंध में ठोस निर्णय लेेने की केवल अपेक्षा की जा सकती है।
Created On :   12 Jun 2023 4:59 PM IST