हादसों में जान गंवा रहे वन्यजीव, वन विभाग बेखबर

हादसों में जान गंवा रहे वन्यजीव, वन विभाग बेखबर
  • सड़क पार करते समय अनेक आते हैं वाहनों के नीचे
  • वन विभाग बेखबर
  • हादसों में जान गंवा रहे वन्यजीव

डिजिटल डेस्क, नागपुर. शहर से लगकर जंगलों में वन्यजीवों की संख्या अच्छी खासी है, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे सड़क हादसे में जान गंवाने वाले वन्यप्राणियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। पारडी, पुनापुर, पांदुरणा, नारा, सोनेगांव, मिहान सहारा सिटी, वेला, शंकरपुर, पिपसा, घोगली, बिडगांव, कन्हान, कामठी मार्ग, बेलतरोड़ी, खापरी जैसे ही झुडपी जंगल में भी वन्यप्राणियों की अधिक संख्या है, लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहां कांक्रीट के जंगल फैलते जा रहे हैं, इससे जंगल गायब होते जा रहे हैं।

कभी घोगली का शंकरपुर इलाका जंगल हुआ करता था, लेकिन पिछले दो तीन वर्षों में जंगलों की यहां बड़े पैमाने पर कटाई हुई है। शंकरपुर का इलाका नेशनल हाईवे से सटा होने से वन्यजीव पानी की तलाश में महामार्ग पर आ जाते हैं। इससे तेज वाहनों की चपेट में आने से कई बार इनकी मौत भी हो जाती है।

वन्यजीवों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाए

स्वपनिल बौधाने, पूर्व पशु कल्याण अधिकारी के मुताबिक गत कई वर्ष से वन्यजीवों की वाहनों से टक्कर हो जाने से या तो वे दिव्यांग हो जाते हैं या उनकी मौत हुई है। पहले यहां ब्लैक बग, जंगली खरगोश, मोर, हिरण आदि दिखाई देते थे, लेकिन अभी इक्का-दुक्का ही नजर आते हैं। झुड़पी में जितने वन्यप्राणी हैं, पिपला, शंकरपुर, मनीष नगर में कोई भी ले आउट सेंक्शन करने से पहले वहां के वन्यप्राणियों को वन विभाग द्वारा रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ जाना चाहिए, नहीं तो उनकी संख्या और कम हो जाएगी। इसके साथ ही वन विभाग द्वारा उस इलाके में गश्त बढाई जाए।


Created On :   24 Jun 2023 7:11 PM IST

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