राष्ट्रपति की बजाय मोदी से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने का विरोध - समारोह का बहिष्कार करेंगे कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दल

राष्ट्रपति की बजाय मोदी से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने का विरोध - समारोह का बहिष्कार करेंगे कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दल
  • राष्ट्रपति की बजाय मोदी से नए संसद भवन का उद्घाटन कराने का विरोध
  • सरकार ने कहा- अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें विपक्षी दल
  • समारोह का बहिष्कार करेंगे कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस सहित 19 विपक्षी पार्टियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। सरकार ने विपक्षी दलों के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए विपक्षी दलों से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

कांग्रेस सहित 19 दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला न केवल एक गंभीर अपमान है, बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है। इन दलों ने कहा कि राष्ट्रपति न केवल राज्य का प्रमुख होता है, बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी होता है। राष्ट्रपति ही संसद को बुलाते हैं, सत्रावसान करते हैं और संबोधित करते हैं। यह कह सकते हैं कि राष्ट्रपति के बिना संसद कार्य नहीं कर सकती है। विपक्षी दलों ने लोकतंत्र की आत्मा को संसद से निष्कासित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हम निरंकुश प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ शब्दों और भावनाओं में लड़ना जारी रखेंगे। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला जिन दलों ने सामूहिक तौर पर लिया है, उनमें कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी) आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, राकांपा, सपा, भाकपा, माकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस मणि, वीसीके, रालोद, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कांफ्रेंस, आरएसपी और एमडीएमके का नाम शामिल है।

‘राष्ट्रपति को नहीं बुलाना सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है”। उधर केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने 19 विपक्षी दलों द्वारा उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और उनसे अपने रूख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

Created On :   24 May 2023 3:35 PM GMT

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