हरित अर्थव्यवस्था: आजीविका का एक आकर्षक स्त्रोत होगी जैव-अर्थव्यवस्था - डॉ सिंह

- 2025 तक 125 बिलियन डॉलर की होगी जैव-अर्थव्यवस्था
- आजीविका का एक आकर्षक स्त्रोत होगी जैव-अर्थव्यवस्था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा कि ‘हरित अर्थव्यवस्था’ भारत के भविष्य के विकास में एक नए क्षेत्र के रूप में अपनी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जैव-अर्थव्यवस्था आजीविका का एक बेहद आकर्षक स्त्रोत होगी।
डॉ सिंह ने यहां कहा कि वर्ष 2014 में भारत को जैव-अर्थव्यवस्था लगभग 10 बिलियन डॉलर थी, जो आज बढ़कर 80 बिलियन डॉलर हो गई है। सिर्फ 8-9 वर्षों में यह 8 गुना बढ़ गई है और हम 2025 तक इसके 125 बिलियन डॉलर होने की आशा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित अनुसंधान राष्ट्रीय शोध संस्थान के पास बड़े पैमाने पर गैर सरकारी संसाधन होंगे। इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच का अंतर कम हो जाएगा और दोनों क्षेत्रों के बीच भविष्य के विकास के लिए अधिक तालमेल स्थापित होगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्टार्टअप और अनुसंधान एवं विकास में उद्योग की हिस्सेदारी प्रारंभ से ही होनी चाहिए।
Created On :   3 Oct 2023 8:28 PM IST