Nagpur News: राहुल गांधी ने कहा - लोकतंत्र की हत्या करने वालों को संरक्षण दे रहे मुख्य चुनाव आयुक्त

राहुल गांधी ने कहा - लोकतंत्र की हत्या करने वालों को संरक्षण दे रहे मुख्य चुनाव आयुक्त
  • महाराष्ट्र की राजुरा विधानसभा सीट का दिया उदाहरण
  • आयोग को दिया एक सप्ताह का अल्टीमेटम
  • राहुल गांधी ने फिर साधा केंद्रीय चुनाव आयोग पर निशाना

New Delhi News. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग को वोट चोरों को संरक्षण देना बंद करना चाहिए। राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि वह कर्नाटक की जांच में सहयोग न करके ‘लोकतंत्र की हत्या’ करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। उन्होंने इस दौरान महाराष्ट्र की राजुरा और कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण दिया।

कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजुरा विधानसभा में 6800 से ज्यादा मतों को अवैध तरीके से जोड़ा गया, जबकि आलंद विधानसभा में 6000 से ज्यादा मतदाताओं के नाम काट दिए गए। राहुल गांधी ने अपने इन आरोपों पर चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनको चुनाव आयोग से भी इन खुलासों में मदद मिल रही है।

राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करके कांग्रेस समर्थक मतदाताओं का नाम सूची से हटाया गया है। उन्होंने खुलासा किया कि मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया में दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है, जो परंपरागत रूप से भाजपा के विरोधी रहे हैं। विपक्ष के नेता ने कहा कि इस प्रक्रिया में एक खास पैटर्न है, क्योंकि बूथ की सूची में पहले मतदाता को ही उसकी जानकारी के बिना, मतदाताओं के नाम हटाने वाले व्यक्ति के रूप में चुन लिया जाता है। उन्होंने कई ऐसे उदाहरण दिए जहां लोगों के वोट हटाए गए। अपने इन आरोपों के पक्ष में उन्होंने कुछ लोगों को भी संवाददाता सम्मेलन के मंच पर पेश किया।

राहुल गांधी ने खुलासा किया कि कर्नाटक सीआईडी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को 18 पत्र लिखकर कुछ खास जानकारियां मांगी थीं, जैसे कि वह डेस्टिनेशन आईपी जहां से ये डिलीट करने वाले फॉर्म भरे गए थे, वह डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट जहां से ये आवेदन दाखिल किए गए थे, और सबसे महत्वपूर्ण, ओटीपी ट्रेल्स। लेकिन चुनाव आयोग इन्हें देने से इनकार कर रहा है।

Created On :   18 Sept 2025 6:47 PM IST

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