नए संसद भवन का उद्घाटन, पहली पंक्ति में बैठे एकनाथ शिंदे - सांसदों ने ली योगी के साथ सेल्फी

- नए संसद भवन का किया उद्घाटन
- 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब
- नए संसद भवन में वास्तु है तो विरासत भी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, अजीत कुमार। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नया संसद भवन देश को समर्पित किया। नए भवन का उद्घाटन वैदिक विधि विधान के साथ किया गया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मों के प्रमुख लोग भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की उपस्थिति में लोकसभा कक्ष में सेंगोल (राजदंड) स्थापित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन को 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लांकतंत्र का मंदिर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा और विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धि होते हुए देखेगा। उन्होंने कहा, “नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। कहा कि यह विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प का संदेश देता है। नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है”। उन्होंने कहा कि नई संसद का कण-कण गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है।
नए संसद भवन में वास्तु है तो विरासत भी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इसमें वास्तु, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और संविधान भी है। उन्होंने कहा, “नए संसद भवन ने लगभग 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30 हजार से ज्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है। पिछले 9 वर्षों में 11 करोड़ शौचालय बनाने का संतोष है तो हमने 4 लाख किलोमीटर से ज्यादा सड़कों का भी निर्माण किया है। इस दौरान 50 हजार से ज्यादा नए अमृत सरोवरों का भी निर्माण हुआ है।
अगले 25 वर्ष में भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है। हमारे वेद हमें सभाओं और समितियों के लोकतांत्रिक आदर्श सिखाते हैं। महाभारत जैसे ग्रंथों में गणों और गणतंत्रों की व्यवस्था का उल्लेख मिलता है। हमने वैशाली जैसे गणतंत्रों को जीकर दिखाया है। श्री मोदी ने कहा कि आज से 25 साल बाद भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा। हमारे पास भी 25 वर्ष का अमृत कालखंड है। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। लक्ष्य बड़ा है, कठिन भी है, लेकिन हर देशवासी को आज इसके लिए जी जान से जुटना ही है, नए प्रण लेने हैं, नई गति पकड़नी है।
‘नई संसद’ में डिमांड में दिखे योगी आदित्यनाथ
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का कई विपक्षी दलों ने बॉयकाट किया तो कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों ने मौजूद होकर इसकी शोभा बढ़ाई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा सहित कई मुख्यमंत्रियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
पहली पंक्ति में बैठे एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के साथ उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस भी उद्घाटन समारोह में पहुंचे। एकनाथ शिंदे को बैठने के लिए असम के मुख्यमंत्री सरमा के साथ पहली कतार में जगह मिली। उन्हीं की कतार में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की मौजूदगी रही। शिवसेना के सांसद पगड़ी पहनकर समारोह में पहुंचे। उनकी पगड़ी लोक सभा कक्ष में सबके आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
सांसदों ने ली योगी के साथ सेल्फी
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय से पहले लोक सभा कक्ष में पहुंच गए थे। कार्यक्रम में आज जितने मुख्यमंत्री पहुंचे थे, उनमें सबसे ज्यादा डिमांड में योगी रहे। सदन में मौजूद कई केन्द्रीय मंत्री और सांसद योगी से मिलने को आतुर दिखे। जब तक औपचारिक रूप से कार्यक्रम की शुरूआत नहीं हो गई, तब तक योगी के साथ सांसदों का सेल्फी लेने का क्रम जारी रहा। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने भी बाबा के साथ फोटो खिंचाई। हालांकि खुद योगी भी भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से जाकर मिले।
एक साथ बैठे फड़नवीस और पुरोहित
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस और पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित सदन में चौथी कतार में बैठे। नागपुर के इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद और ब्रजेश पाठक सहित विभिन्न राज्यों के उपमुख्यमंत्रियों को चौथी कतार में ही जगह मिली थी।
ज्यादातर समय मोबाइल देखती रहीं मेनका
सदन में पूर्व केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी और उनके सांसद पुत्र वरूण गांधी भी पहुंचे, लेकिन दोनों ज्यादा उत्साहित नहीं दिखे। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान सदन कई बार तालियों की गड़गड़ाहट में डूबा, लेकिन मां-बेटे की जोड़ी ताली बजाने या टेबल पर हाथ मारने से बचती रही। मेनका तो ज्यादा समय तक अपने मोबाइल में ही लगी रहीं।
मंत्रियों और सांसदों ने ली भी खिंचाई तस्वीर
सांसदों और मंत्रियों का नए संसद के प्रति दीवानगी खूब दिखी। कार्यक्रम शुरू होने से पहले और कार्यक्रम संपन्न होने के बाद केन्द्रीय मंत्री और सांसदगण सदन में अपनी फोटो खिंचवाते या सेल्फी लेते देखे गए। दरअसल नई संसद के पहले दिन की यादों को हर माननीय समेट लेना चाहता था। सेंगोल के पास फोटो लेने की भीड़ ज्यादा देखी गई। कार्यक्रम खत्म होने के बाद लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला भी अपने कुछ अतिथियों के साथ फोटो खिंचाने सेंगोल के पास पहुंचे।
आडवाणी नहीं पहुंचे, जोशी रहे मौजूद
पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी तो उद्घाटन समारोह में नहीं पहुंचे, लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, तीनों सेनाओं के अध्यक्ष जरूर कार्यक्रम में दिखे।
Created On :   28 May 2023 8:20 PM IST