New Delhi News: सीसीआई चुनाव का बिहार चुनाव में दिख सकता है असर, भाजपा को आंख दिखा सकते हैं राजपूत मतदाता

- शीर्ष नेतृत्व के समर्थन के बावजूद रूड़ी से हारे बालियान
- रूडी को मिला विपक्ष का साथ
New Delhi News. अजीत पाठक. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) के चुनाव में भाजपा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने जीत दर्ज कर अपना दबदबा बरकरार रखा है। वह पिछले 25 सालों से क्लब के सचिव (प्रशासन) पद पर काबिज हैं। इस चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को 100 से ज्यादा मतों से पटखनी दी है। बालियान को भाजपा नेतृत्व का खुला समर्थन होने के बावजूद रूडी ने शानदार जीत हासिल कर बड़ी लकीर खींच दी है। रूडी की जीत के साथ ही भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी खुल कर सामने आ गई है, जिसका असर बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। माना जा रहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजपूत मतदाता भाजपा को आंख दिखा सकते है।
सीसीआई चुनाव यूं तो दलीय राजनीति से परे होता है, लेकिन इस बार भाजपा के ही दो वरिष्ठ नेता आमने-सामने थे। भाजपा नेता संजीव बालियान ने रूडी के खिलाफ ताल ठोक कर क्लब में उनके रसूख को चुनौती दी। ‘मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त’ की तर्ज पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पूरे दमखम के साथ बालियान के पक्ष में प्रचार करते नजर आए। आलम यह था कि बालियान किसी तरह की तल्ख टिप्पणी से बचे रहे, लेकिन दुबे ने रूडी पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि सीसीआई आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और पायलटों के हाथ में चला गया है,वहां से बाहर निकालना है। गौरतलब है कि रूडी पायलट भी हैं। हालांकि, दुबे के उकसाने के बावजूद, रूडी ने आपा नहीं खोया। दिलचस्प बात ये है कि सोनिया गांधी भी इस चुनाव में मतदान करने पहुंची थी।
जाट बनाम राजपूत की लड़ाई
सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि भाजपा नेतृत्व की सहमति से ही बालियान सीसीआई चुनाव में उतरे थे। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं और जाट समुदाय से आते हैं। वहीं, रूडी राजपूत बिरादरी से हैं और बिहार से आते हैं। ऐसे में क्लब का चुनाव जाट बनाम राजपूत में भी बदल गया। सूत्रों के अनुसार, बालियान को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का समर्थन प्राप्त था। यही वजह है कि भाजपा के तमाम मंत्री और सांसद जिनके रूडी से रिश्ते अच्छे थे, वह भी खुलकर उनका साथ देने से कतराते दिखे। इसमें बिहार भाजपा के भी कई नेता शामिल हैं। उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद से जाट समुदाय की नाराजगी को कम करने के लिए बालियान को इस चुनाव में उतारा गया था, लेकिन पासा उल्टा पड़ गया। बालियान की हार ने जाट समुदाय की नाराजगी को और बढ़ाने का काम किया है।
रूडी को मिला विपक्ष का साथ
सीसीआई चुनाव में रूडी ने चतुराई से अपनी सियासी चौसर बिछाई थी। उन्होंने अपने पैनल में कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, सपा महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे सांसद अक्षय यादव और चार अन्य भाजपा सांसदों को शामिल किया था।
Created On :   13 Aug 2025 9:19 PM IST