सुप्रीम कोर्ट ने उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ याचिका खारिज करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा
बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट का दृष्टिकोण सही है। चाहे किसी भी प्राधिकरण ने कोई अनुचित बयान दिया हो, यह टिप्पणी पहले ही की जा चुकी है कि इससे निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दायरा काफी व्यापक है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है जिसमें न्यायपालिका के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने अपीलकर्ताओं के वकील से पूछा कि क्या वे यहां इसलिए आए है कि बस हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक का चक्कर पूरा किया जाए।

वकीलों के संगठन ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 9 फरवरी के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने वकीलों के संगठन की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी थी कि यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट अधिकार क्षेत्र को लागू करने के लिए उपयुक्त मामला नहीं था। साथ ही अपने आदेश में कहा था कि व्यक्तियों के बयानों से सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता खत्म नहीं हो सकती। संगठन ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री ने अपनी टिप्पणियों और आचरण से संविधान में विश्वास की कमी दिखाई है। याचिका में कुछ कार्यक्रमों में दिए गए बयानों का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से धनखड़ को उपराष्ट्रपति और रिजिजू को कानून मंत्री के रूप में कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया था।

Created On :   15 May 2023 8:24 PM IST

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